रांची। हजारीबाग में दिसंबर 2019 में एक नाबालिग को उसके परिचित द्वारा एसिड पिलाए जाने के मामले में झारखंड हाई कोर्ट के स्वत: संज्ञान की सुनवाई मामले में राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि आरोपित का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने के लिए गुजरात गांधीनगर के पर फॉरेंसिक साइकोलॉजी डिवीजन डायरेक्टरेट ऑफ फॉरेंसिक साइंस से पत्राचार किया गया था। उसने 21 अगस्त से 25 अगस्त के बीच आरोपी का पॉलीग्राफ टेस्ट करने की अनुमति प्रदान की है। इस पर कोर्ट ने कहा कि आरोपित का पॉलीग्राफ टेस्ट कर 19 सितंबर तक रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत करें। कोर्ट ने अगली सुनवाई 19 सितंबर निर्धारित की है।
हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की। कोर्ट में एमिकस क्यूरी अपराजिता भारद्वाज ने पक्ष रखा। राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार, अधिवक्ता गौरव राज ने पैरवी की।
वर्ष 2019 में हजारीबाग में एक 13 साल की बच्ची जब वह स्कूल से लौट रही थी तो उसके परिचित ने जबरदस्ती उसे एसिड पिला दिया था, जिससे उसकी हालत काफी बिगड़ गई थी। बाद में उसका एम्स पटना और रिम्स रांची में बच्ची का इलाज हुआ था। एसिड पिलाए जाने से दो महीने तक बच्ची कुछ बोलने में असमर्थ थी।