रांची: प्रधान सचिव के साथ झासा की मीटिंग हुई. सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई इस बैठक में सभी बातों पर सहमति बनी. मीटिंग में छह डॉक्टर संगठन का प्रतिनिधित्व कर रहे थे. जिसमें डॉ ठाकुर मृत्युंजय सिंह,डॉ विमलेश सिंह, डॉ शमीम, डॉ स्टीफेन, डॉ अखिलेश झा, डॉ प्रतीश प्रणय और डॉ रवि शामिल थे. वहीं विभाग की तरफ से संयुक्त सचिव ललित शुक्ला भी मौजूद थे. इस दौरान DACP केंद्र एवं बिहार के तर्ज पर मान लिया गया. एमबीबीएस स्पेशलिस्ट एवं डेंटल संवर्ग के लिए भी ये लागू होगा.
अभी तक स्पेशलिस्ट डॉक्टर के लिए डायनेमिक एसीपी से संबंधित कोई नियमावली था ही नहीं. जिसे केंद्र एवं बिहार की तर्ज पर लागू कर दिया गया है और इससे संबंधित आदेश जारी कर दिए गए हैं. सामान्य एमबीबीएस चिकित्सकों को चार डायनेमिक एसीपी वर्तमान में 6+6+6+7 का प्रावधान है, जिसे अब केंद्र एवं बिहार की तर्ज पर4+5+4+7 पर कर दिया गया. वहीं दंत संवर्ग के लिए वर्तमान में केवल तीन डायनेमिक एसीपी का प्रावधान है. अब उन्हें चार डायनेमिक एसीपी मिलेंगे और वह भी केंद्र एवं बिहार के तर्ज पर होगा. गैर शैक्षणिक संवर्ग के चिकित्सक जो विशेषज्ञ हैं, उनके समायोजन किया जा रहा है. संगठन के सचिव होने के नाते लगातार विभाग के प्रधान सचिव से व्हाट्सएप मैसेज के जरिए समायोजन जैसे गंभीर मुद्दों पर बात करते रहा. परिणाम स्वरुप 125 लोगों की सूची बनाकर तैयार है. करीब 15 -30 दिनों में इन्हें समायोजित कर लिया जाएगा.
झारखंड राज्य स्वास्थ्य सेवा गैर शैक्षणिक संवर्ग के कुल 3370 पदों के विरुद्ध केवल 172 प्रमोशन पद है, जबकि जेपीएससी के 1250 के विरुद्ध 800 प्रमोशन पद है. इसलिए नए प्रमोशन पद सृजित करने का आदेश जारी किया जा चुका है. इसके लिए कमेटी भी बनाई गई है. क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट में संशोधन से संबंधित कार्यों पर बनी सहमति. वहीं सभी 15 सूत्री मांगे मान ली गई है. इसके अलावा बायोमेट्रिक अटेंडेंस को वेतन से नहीं जोड़ा जाएगा. इससे संबंधित आदेश प्रोसिडिंग में ले लिए गए.
डॉक्टर की सेवा को आकस्मिक मानते हुए, यह मानते हुए कि इनका ड्यूटी स्पेशल नेचर का है, जिसमें ड्यूटी शिफ्ट में करनी होती है और इनका कार्य स्थल भी फिक्स नहीं होता. इसलिए इनका बायोमैट्रिक अटेंडेंस इनके ड्यूटी आवर में कभी भी, एक बार भी बनाने की मंजूरी दी गई.
दंत चिकित्सकों में MDS डिग्री वाले के स्पेशलिस्ट केडर बनाया जाएगा और उन्हें स्पेशलिस्ट के श्रेणी में लिया जाएगा. संगठन ने अपने विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह एवं संयुक्त सचिव ललित शुक्ला जी को इसके लिए धन्यवाद दिया. और स्पष्ट किया कि इस बैठक की लिखित कार्यवाही के बाद ऑनलाइन बायोमैट्रिक अटेंडेंस बहिष्कार को वापस ले लिया जाएगा.
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