रांची : कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग तैयारियों में जुट गया है, राज्य के सभी जिला अस्पताल सीएचसी और अनुमंडल अस्पताल के इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने का निर्देश दिया गया है।
वहीं मेडिकल उपकरण और मैन पावर की कमियों को दूर करने का भी निर्देश दिया गया है। स्वास्थ्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने सभी जिले के उपायुक्त को अस्पतालों का सर्वे करने का आदेश दिया है।कौन से अस्पताल की क्या आवश्यकता है, इसकी विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने को कहा है।
पहले फेज इमारतों को किया जाएगा दुरुस्त
स्वास्थ विभाग के वरीय आईईसी प्रभारी सिद्धार्थ त्रिपाठी ने कहा है कि राज्य में जिला, अनुमंडल और सीएचसी स्तर के लगभग 200 अस्पताल है. पहले चरण में अस्पताल के इमारतों को दुरुस्त किया जाएगा। साथ यहां जरूरत के हिसाब से मेडिकल उपकरण और मैन पावर की नियुक्ति की जाएगी। दूसरे चरण में राज्य के 330 सीएचसी को विकसित किया जाएगा।
विभाग के पास पैसे की कमी नहीं
स्वास्थ्य विभाग के वरीय आईईसी प्रभारी सिद्धार्थ त्रिपाठी ने कहा है कि स्वास्थ्य विभाग के पास फंड की कमी नहीं है।पहले फेज में काम को पूरा करना हमारी प्राथमिकता है।उन्होंने कहा कि सभी जिले के उपायुक्तों को यह निर्देश दिया गया है कि वह अस्पतालों का फिजिकल वेरिफिकेशन कर रिपोर्ट तैयार करें, ताकि किसी भी प्रकार से अनियमितता ना हो।
आउटसोर्सिंग एजेंसी की भी मदद
इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर मेडिकल उपकरण की व्यवस्था करने के लिए राज्य सरकार आउटसोर्सिंग एजेंसी की भी मदद लेगी. उपायुक्त के रिपोर्ट के बाद सरकार मेडिकल एक्सपर्ट से भी सलाह लेगी। दोनों ही रिपोर्ट के आधार पर सरकार आगे का निर्णय लेगी. कोरोना के संभावित तीसरे लहर को देखते हुए सरकार जिला स्तर पर बेहतर इलाज की व्यवस्था को लेकर सजग है।
44 ट्रूनेट मशीन भेजी गई
इसके साथ ही स्वास्थ्य मुख्यालय से कोविड की जांच के लिए 44 ट्रूनेट मशीन 16 जिलों में भेजी गयी है. इनमें सबसे ज्यादा 6 धनबाद में और सबसे कम 1-1 मशीन सिमडेगा, रामगढ़ और पूर्वी सिंहभूम भेजी गई हैं। इन मशीनों का प्रभारी जिला यक्ष्मा पदाधिकारी को बनाया गया है। साथ ही निर्देश दिया गया है कि इमरजेंसी की स्थिति में आने वाले मरीजों को ट्रूनेट मशीन से जांच कर उनकी इलाज की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाए।