रांची। हजारीबाग पुलिस नशे कारोबार के खिलाफ बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने भारी मात्रा में अफीम बरामद किया है। इस मामले में पुलिस ने दो तस्करों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार तस्करों में रामदुलार कुमार और उमेश खेरवार शामिल है। दोनों बिहार के गया के रहने वाले है। इनके पास से मादक पदार्थ अफीम छह किलो 400 ग्राम, ब्राउन बनाने वाली पाउडर चार किलो 400 ग्राम, ब्राउन शुगर बनाने वाली अफीम का अवशिष्ट चार किलो 300 ग्राम, आरएलएएम 0.5 टैबलेट 225 पीस, एक ब्राउन शुगर बनाने की लोहे की मशीन, एक इलेक्ट्रॉनिक तराजू, 45 हजार 500 रुपये नकद और दो मोबाइल फोन बरामद किया गया है। उक्त जानकारी एसपी मनोज रतन चौथे ने प्रेसवार्ता में दी।
उन्होंने बताया कि गुप्त सूचना प्राप्त हुई थी कि बिहार जाने वाली एक बस से कोई व्यक्ति मादक पदार्थ की एक बड़ी खेप का डील करने के लिए कोर्रा थाना क्षेत्र के नगवां टोल के समीप आ रहा है। सूचना के बाद अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, सदर, हजारीबाग के नेतृत्व में एक छापामारी टीम गठन किया गया। छापेमारी टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए नगवां टोल के समीप वीर बजरंग चौक पर गुप्त रूप से निगरानी रखे हुई थी।
निगरानी के क्रम में ही वीर बजरंग चौक से कनहरी जाने वाले फोरलाईन में अंधेरे में एक संदिग्ध व्यक्ति दिखाई दिया। संदिग्ध व्यक्ति को टीम में शामिल पुलिसकर्मियों ने पकड़ लिया। इसके पास से दो बड़े बैग बरामद हुई। दोनो बैग में से नशीली मादक पदार्थ अफीम एवं ब्राउन शुगर बनाने वाली अन्य पुरक पदार्थ तथा 45,500 रुपया बरामद हुई। इस संबंध में उससे पूछताछ करने पर बताया गया कि वह खूंटी के रमता नामक स्थान से अफीम एवं ब्राउन शुगर बनाने वाली पूरक पदार्थ खरीदकर ला रहा है और उक्त अफीम से ब्राउन शुगर बनाकर इसे दिल्ली ले जाकर काफी उंचे दाम में बेचने की योजना थी।
पूछताछ में तस्कर ने बताया कि वह अपने घर से कुछ दूरी पर चौपारण थाना क्षेत्र अंतर्गत चोरदहा पीकेट के समीप जंगल में ब्राउन शुगर बनाने का मशीन भी रखा है। इसके बाद छापेमारी टीम ने आरोपी के निशानदेही पर ब्राउन शुगर बनाने वाले मशीन एवं तराजू भी जब्त करते हुए इस धंधे में संलिप्त एक अन्य व्यक्ति को भी गिरफ्तार कर लिया । उल्लेखनीय है कि तस्कर ने खूंटी से एक लाख रुपये प्रति किलोग्राम अफीम की खरीदारी कर लाया जा रहा था जिसकी अंतर्राष्ट्रीय कीमत करीब पांच लाख रुपये प्रति किलो आंकी गई है।गिरफ्तार तस्करों की अपराधिक इतिहास के साथ- साथ दिल्ली के लिंक को भी खंगाला जा रहा है।