Joharlive Team
हजारीबाग : साइबर अपराधियों ने ठगी के लिए पीएम केयर रिलीफ फंड डॉट कॉम नाम से एक फर्जी वेबसाइट तैयार कर कई लोगों को लाखों रुपये का चूना लगाया है. इसमें दिये गये खाता नंबर पंजाब नैशनल बैंक और यूनियन बैंक के हैं. इन दोनों खातों माध्यम से 52,58,442.26 रुपये की ठगी का मामला सामने आया है. दोनों खाताधारक सगे भाई हैं. दोनों पर बैंक की ओर प्राथमिकी दर्ज करवायी गयी है.
आपको बता दें कि उक्त वेबसाइट में जिन अकाउंट का उल्लेख किया गया था उसके बारे में पंजाब नेशनल बैंक बड़ी बाजार शाखा के मैनेजर सुजीत कुमार सिंह और यूनियन बैंक शाखा आनंद चौक के मैनेजर अमित कुमार ने जांच की तो पाया कि दोनों खाते के खाताधारक सगे भाई हैं, जो मुफस्सिल थाना क्षेत्र के लाखे के रहने वाले हैं.
इस पर शाखा प्रबंधकों को संदेह हुआ और उन्होंने सदर थाने में अलग-अलग आवेदन दिया है. दोनों बैंक से इस फर्जी वेबसाइट और अकाउंट के माध्यम से कुल 5258442.26 का डिजिटल माध्यम से ठगी करने का उल्लेख है. आरोपी खाताधारक लाखे निवासी सिराजुद्दीन का पुत्र नूर हसन और मोहम्मद इफ्तेखार हैं. जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर गुरुवार को जेपी कारा भेज दिया.
इनसे पूछताछ में मुख्य सरगना के रूप में मुफस्सिल थाना क्षेत्र के ओरिया निवासी परमेश्वर साव का नाम सामने आया है जो वर्तमान में फरार चल रहा है. पुलिस ने पकड़े गये दोनों लोगों की निशानदेही पर परमेश्वर साव के घर पर छापामारी कर गुरुवार की सुबह उसकी कार और कार में रखे भारी मात्रा में बैंक पासबुक, चेक बुक, एटीएम कार्ड सहित कई दस्तावेज बरामद किये हैं.
इस संबंध में यूनियन बैंक के शाखा प्रबंधक अमित कुमार के आवेदन पर 124/20 और पंजाब नेशनल बैंक के शाखा प्रबंधक सुजीत कुमार सिंह के आवेदन पर कांड संख्या 125/20 दोनों कांड में धारा 420, 406 आईपीसी और 66 (सी) आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है. जिसमें मुख्य सरगना सहित अन्य को भी अभियुक्त बनाया गया है.
यूनियन बैंक के शाखा प्रबंधक ने 17,70,741 रुपये और पंजाब नैशनल बैंक के शाखा प्रबंधक ने 34,87,701.26 रुपये का साइबर अपराध किये जाने का आरोप लगाया है. दोनों शाखा से कुल 52,58,442.26 राशि का साइबर अपराध करने का मामला दर्ज किया गया है.
इस संबंध में एसडीपीओ सदर कमल किशोर ने कहा कि फर्जी वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट पीएम केयर रिलीफ फंड डॉट कॉम के नाम से लोगों से खाते में पैसे मंगाये गये और उसे फिर अन्य खातों में ट्रांसफर किया गया. इस साइबर अपराध का मुख्य सरगना ओरिया निवासी परमेश्वर साहू है जो अभी फरार है. गिरफ्तार खाताधारकों का कहना है कि परमेश्वर साव ने ही इनसे दोनों बैंकों में अकाउंट खुलवा कर उनका पासबुक अपने पास रख लिया था और इस साइबर ट्रांजैक्शन के खेल को अंजाम दे रहा था. इसके एवज में खाताधारकों को कुछ निर्धारित राशि दी जाती थी. कहा कि सरगना की गिरफ्तारी के बाद सामने आयेगा कि इस साइबर अपराध में और कितने लोग शामिल हैं..