Joharlive Team

हजारीबाग। जिले के सबसे बड़े प्रखंड चौपारण में 26 पंचायत हैं, जिनमें 269 गांव हैं। जहां की अधिकांश आबादी कृषि पर निर्भर है। इसके तहत किसान अपने परिवार के भरण पोषण के लिए कृषि पर आश्रित रहते हैं, लेकिन इस वर्ष लॉकडाउन के कारण आलू और प्याज के बीज के दाम में हुई बेतहाशा उछाल से किसान इसकी बुआई को लेकर परेशान हैं।

प्रखंड का सबसे बड़ा बाजार महाराजगंज(बिगहा) बाजार में आलू के बीज का भाव पिछले वर्ष जहां 100 रुपये प्रति 5 किलो था। वहीं इस वर्ष 250 रुपये प्रति 5 किलो के भाव बिक रहा है। वहीं प्याज की गाच्छी के बीज का भाव पिछले वर्ष 500 रुपये प्रति किलो था पर इस वर्ष 3500 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। अचानक हुई बेतहाशा वृद्धि के कारण किसानों में हाहाकार मचा हुआ है। कोई खेती के लिए कर्ज ले रहा है तो कई किसान इस वर्ष आलू और प्याज की खेती नहीं करने का मन बना लिए हैं।

किसानों का कहना है कि बीजों की महंगाई और आर्थिक तंगी के कारण खेती करना मुश्किल हो रहा है। इस पर केंद्र और राज्य सरकार को पहल करनी चाहिए। आर्थिक अनुदान के साथ-साथ रियायती दर पर किसानों को खेती के लिए समय पर बीज उपलब्ध करवाने की पहल करनी चाहिए। किसानों ने यह भी कहा कि कीमत ज्यादा होने से गरीब के थाली से भी आलू और प्याज गायब हो गया है।

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