किसलय शानू
रांची। देवघर जिला के व्यवहार न्यायालय परिसर में सुबह-सुबह गोलियों की तड़तड़ाहट में बिहार के बिहटा जिला का कुख्यात अपराधी अमित कुमार सिंह की मौत की घटना ने हजारीबाग और जमशेदपुर में हुए अंधाधुंध फायरिंग की घटना को ताजा कर दिया है। यहाँ भी गैंगवार में कुख्यात अपराधी ने बदला लिया और दुश्मनों का काम तमाम किया है। व्यवहार न्यायालय परिसर में सुरक्षा के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हो रही है। कुख्यात अपराधियों की पेशी में वैसे पुलिसकर्मियों को लगाया जाता है, जो कुछ सालों में सेवानिवृत्त होने वाले है। इसका ताजा उदाहरण आज देवघर व्यवहार न्यायालय में देखने को मिला। पुलिस की मौजूदगी में कुख्यात अपराधी अमित कुमार सिंह की हत्या कर अपराधी पिस्टल फेंक कर मौके से भागे है।
- पहली घटना
पूर्वी सिंंहभूम जिले के जमशेदपुर कोर्ट में वर्ष 2016 नवंबर 30 को यह घटना हुई थी। जमशेदपुर कोर्ट में गैंगवार में उपेंद्र सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस घटना को अंजाम कुख्यात अपराधी अखिलेश सिंंह ने दिया था। उस वक्त यह मामला सुर्खियों में आया था।
- दूसरी घटना
दो जून 2015 को सुबह ग्यारह बजे पेशी के लिए गैंगस्टर सुशील श्रीवास्तव को न्यायालय लाया गया था। जहां व्यवहार न्यायालय परिसर में गैंगस्टर सुशील श्रीवास्तव और उसके दो सहयोगियों को एके-47 राइफल से अंधाधुंध फायरिग कर हत्या कर दी थी। इस घटना के बाद हजारीबाग व्यवहार न्यायालय परिसर पूरा सहम गया था।