लातेहार : भाकपा माओवादी संगठन के दो हार्डकोर नक्सलियों ने जिला पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है. आत्मसमर्पण करने वालों में जोनल कमांडर नीरज सिंह खरवार और सालमन गंझू शामिल है. इन दोनों ने पलामू डीआईजी वाईएस रमेश, लातेहार डीसी गरिमा सिंह, एसपी अंजनी अंजन, सीआरपीएफ कमांडेंट वेद प्रकाश त्रिपाठी के सामने सरेंडर किया.
नक्सली नीरज सिंह खरवार पर 25 से अधिक नक्सली हिंसा के मामले विभिन्न थानों में दर्ज हैं. वह पलामू के बाबुन गांव का रहने वाला है. 2004 में माओवादी संगठन से जुड़ा और पिछले 8 वर्षों से बूढ़ापहाड़ के एरिया में सक्रिय था. वहीं सालमन गंझु पिछले 22 वर्षों से माओवादी संगठन से जुड़ा हुआ था. वह एक दर्जन से अधिक हिंसक घटनाओं को अंजाम दे चुका है. उसके खिलाफ लातेहार और लोहरदगा जिले के कई थानों में मामले दर्ज हैं.
हिंसा छोड़ मुख्यधारा में लौटें नक्सली : डीआईजी
डीआईजी वाईएस रमेश ने कहा कि झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण नीति का लाभ लेकर नक्सली अपने जीवन को मुख्यधारा में ला सकते हैं. झारखंड सरकार की नई दिशा कार्यक्रम के तहत आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को सरकार के द्वारा सभी प्रकार की सुविधा उपलब्ध कराई जाती हैं. उन्होंने कहा कि नक्सली हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौटे और समाज के विकास में अपना योगदान दें. वहीं सरकार की तरफ से इन दोनों माओवादियों के ऊपर 10-10 लाख के इनाम घोषित है.
हथियार डालना ही नक्सलियों के पास आखिरी रास्ता : एसपी
एसपी अंजनी अंजन ने कहा कि लातेहार का एक भी गांव या इलाका ऐसा नहीं है जहां नक्सली अपना ठिकाना बना सकते हैं. नक्सलियों के समक्ष अब एक ही रास्ता बचा है कि वह झारखंड सरकार के आत्मसमर्पण नीति का लाभ लेकर हथियार डाल दें.