चंकी पांडे का नाम आते ही ऐसे कलाकार का चेहरा सामने आ जाता है जो दर्शकों को हंसा दिया करता था. शुरुआती दौर में चंकी ने कई बेहतरीन फिल्में कीं. लेकिन चंकी को अधिकतर डबल हीरो फिल्में ऑफर होती थीं. चंकी ने अपने फिल्मी जीवन में कई तरह के किरदार निभाए लेकिन एक दौर ऐसा भी आया जब उन्होंने बांग्लादेशी सिनेमा की ओर रुख कर लिया. चंकी आज अपना 60वां बर्थडे सेलिब्रेट कर रहे हैं. आइए उनके फिल्मी करियर से जुड़ी कुछ बातें जानते हैं…

चंकी पांडे का जन्म मुम्बई में 26 सितंबर 1962 को हुआ था. उनका असली नाम सुयश पांडे है लेकिन फिल्मी दुनिया में उन्हें लोग चंकी के नाम से जानते हैं. चंकी ने बालीवुड में फिल्म ‘आग ही आग’ से शुरुआत की थी और यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल साबित हुई थी. पहली फिल्म की सफलता के बाद चंकी के लिए बॉलीवुड की राह आसान हो गई थी. उन्हें कई बेहतर फिल्मों के ऑफर मिलने लगे थे.

सपोर्टिंग रोल में होने लगे फिट
चंकी पांडे ने अपने करियर के शुरुआती दौर में ‘पाप की दुनिया’, ‘खतरों के खिलाड़ी’, ‘जहरीले’, ‘आंखे’ जैसी कई फिल्में कीं, जिन्हें दर्शकों का अच्छा रेस्पॉन्स भी मिला. फिल्म ‘तेजाब’ में वे अनिल कपूर के दोस्त के किरदार में नजर आए थे और इसके लिए उन्हें बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का फिल्मफेयर भी मिला था. लेकिन इसके बाद से चंकी को अधिकतर सपोर्टिंग रोल ही ऑफर होने लगे. निर्देशकों की नजर में वे हीरो के दोस्त के रोल के लिए वे फिट होने लगे.

फिर आया निराशा का दौर
बॉलीवुड करियर ग्राफ एक बार चढ़ता है और फिर उसमें गिरावट भी आती है. ऐसा ही कुछ चंकी पांडे के साथ भी हुआ. 90 के दशक में उनका करियर इतना खास नहीं चल रहा था. दरअसल, एक तरफ सलमान खान, शाहरुख खान और आमिर खान रोमांटिक हीरो के तौर पर अपनी पहचान बना रहे थे. वहीं, एक्शन हीरो के रूप में अक्षय कुमार, सुनील शेट्टी, अजय देवगन जैसे सितारे अपनी अलग पहचान बना रहे थे.

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