Patna : आज से पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक और आध्यात्मिक गुरु रविशंकर का भव्य सत्संग शुरू हो रहा है. इस आयोजन में बिहार के विभिन्न हिस्सों से हजारों श्रद्धालु जुटने वाले हैं. यह सत्संग मुख्य रूप से ध्यान, योग, और जीवन के कलात्मक पहलुओं पर केंद्रित होगा. इस अवसर पर विशेष रूप से 1000 साल पुराना पवित्र शिवलिंग भी श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए स्थापित किया जाएगा.
बिहार अब पिछड़ा राज्य नहीं रहा : रविशंकर
गुरुवार शाम पटना पहुंचे रविशंकर ने बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी से मुलाकात की. इस दौरान दोनों ने सोमनाथ मंदिर के खंडित शिवलिंग के अवशेषों पर चर्चा की, जिन्हें गुरु श्री श्री रविशंकर ने बिहार लाने का निर्णय लिया है. मुलाकात के बाद रविशंकर ने कहा, “बिहार अब पिछड़ा राज्य नहीं रहा, यह राज्य तेजी से प्रगति की ओर बढ़ रहा है. यहां ऐसे ऊर्जावान नेता हैं, जो राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.” डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने इस ऐतिहासिक पहल की सराहना की और सरकार की ओर से हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया.
सत्संग में होने वाली प्रमुख गतिविधियां :
- ध्यान और योग सत्र : रविशंकर मानसिक शांति और प्राणायाम की महत्ता पर विचार देंगे.
- भक्ति संगीत : आयोजन में भक्ति संगीत की प्रस्तुतियों से एक भक्तिमय वातावरण का निर्माण होगा.
- 1000 साल पुराना शिवलिंग : श्रद्धालु पहली बार उस प्राचीन शिवलिंग के दर्शन कर सकेंगे, जिसे महमूद गजनवी ने 1026 ईस्वी में खंडित किया था.
गुजरात से पटना तक शिवलिंग की यात्रा
रविशंकर ने हाल ही में दावा किया था कि उन्होंने सोमनाथ मंदिर के खंडित शिवलिंग के अवशेषों को पाया है. यह शिवलिंग सदियों तक एक अग्निहोत्री परिवार के पास सुरक्षित था. अब रविशंकर ने इसे श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए सार्वजनिक रूप से प्रस्तुत करने का निर्णय लिया है.
भव्य तैयारियाँ और उत्साह
गांधी मैदान में इस महासत्संग के लिए भव्य तैयारियां की गई हैं, और श्रद्धालुओं में इसके प्रति जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है. इस तरह के बड़े आध्यात्मिक आयोजनों से पटना शहर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा. इस आयोजन का उद्देश्य न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक जागरूकता को बढ़ावा देना है, बल्कि पटना को एक ऊर्जा केंद्र के रूप में भी प्रस्तुत करना है, जहां लोग शांति और समृद्धि की ओर अग्रसर हो सकें.
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