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  • उपायुक्त ने की स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक

गुमला : विकास भवन सभागार में उपायुक्त गुमला शशि रंजन की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ्य सेवा समिति की बैठक आज आयोजित की गई। बैठक को संबोधित करते हुए उपायुक्त ने चिकित्सा पदाधिकारियों एवं कर्मियों से कहा कि जिले के आम जनों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने की दिशा में स्वास्थ्य विभाग सक्रियता से कार्य करे। जिससे लोगों को सरकारी अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सके।
उपायुक्त ने जिले में 19 से 21 जनवरी तक चलने वाले त्रिदिवसीय पोलियो टीकाकरण अभियान को सफलतापूर्वक संचालित करने तथा हर हाल में निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने का निर्देश दिया। बताया गया कि जिले में पाँच वर्ष से कम आयु के 1 लाख 50 हजार 388 बच्चों का पोलियो टीकाकरण का लक्ष्य निर्धारित है। 19 जनवरी को टीकाकरण के लिए 798 पोलियो बूथ चयनित हैं। इसके साथ ही 20 एवं 21 जनवरी को घर-घर जाकर पोलियो ड्रॉप पिलाने के लिए 1208 टीम का गठन किया है। पोलियो अभियान की सफलता के लिए 21 ट्रांजिट प्वाइंट तथा 29 चलंत दल का गठन भी किया गया है। 2528 वैक्सिनेटर तथा 122 सुपरवाइजर की प्रतिनियुक्ति की गई है। जिला स्तर से सभी बीडीओ, सीओ एवं सीडीपीओ को अपने-अपने क्षेत्र में परिभ्रमण एवं निरीक्षण का निर्देश दिया गया है।
उपायुक्त ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए ऐनिमिया प्रभावित महिलाओं का सर्वे करने तथा जिले में संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता अभियान चलाने एवं जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, उप स्वास्थ्य केंद्र में भी प्रसव सुविधा उपलब्ध कराने के लिए न्यूनतम संसाधन की व्सवस्था का निर्देश दिया। बैठक में डुमरी, बिशुनपुर, भरनो प्रखंडों में संस्थागत प्रसव की उपलब्धी संतोषजनक नहीं होने के कारण वैकल्पिक व्यवस्था उपलब्ध कर संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता अभियान चलाने का निर्देश दिया।
बैठक में बताया गया कि डुमरी प्रखंड में ममता वाहन उपलब्ध नहीं रहने के कारण गर्भवती महिलाओं को संस्थागत प्रसव के लिए सरकारी अस्पतालों में लाना संभव नहीं हो पाता है। बैठक में यह भी बताया गया कि बसिया तथा डुमरी प्रखंड में चिकित्सकों की कमी है। इन दोनों प्रखंडस्तरीय अस्पतालों में मात्र तीन-तीन चिकित्सक पदस्थापित हैं। एएनएम की संख्या भी स्वीकृत पदों की तुलना में कम है। इससे संस्थागत प्रसव का प्रतिशत कम है।
बिशुनपुर प्रखंड के पाट क्षेत्रों सखुवापानी, जोभीपाट, डोभीपाट, बनारी, बनालात, जोरी में स्थानीय स्तर पर प्रसव की सुविधा उप स्वास्थ्य केंद्र में उपलब्ध नहीं है। इन क्षेत्रों की दूरी भी प्रखंड मुख्यालय से बहुत अधिक है। जिस कारण गर्भवती महिलाएं संस्थागत प्रसव का लाभ नहीं ले पाती हैं। बैठक में पाट क्षेत्रों में हिन्डाल्को के माध्यम से वहां के अस्पताल में संस्थागत प्रसव के लिए कम्पनी प्रबंधन के साथ वार्ता करने का निर्देश दिया गया। साथ ही बनारी, बनालात, जोरी के उप स्वास्थ्य केंद्रों को विकसित कर यहां प्रसव की सुविधा बहाल करने का निर्देश दिया गया।
समीक्षा के क्रम में परिवार नियोजन कार्यक्रम के अंतर्गत पुरूष नसबंदी, महिला बंध्याकरण, कॉपर ट्यूब आदि कार्यों के दौरान उपयोग होने वाले उपकरणों की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया गया। साथ ही सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में जैविक कचरों का निदान के लिए उचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया। उपायुक्त ने जिलांतर्गत सदर अस्पताल एवं अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में आधुनिक चिकित्सा तकनीक के इस्तेमाल पर जोर देते हुए लाभुकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलबध कराने का निर्देश दिया। उन्होंने जिला स्वास्थ्य प्रबंधक (डीपीएम) को विशेषज्ञ चिकित्सकों एवं जिले में रिक्त चिकित्सा पदाधिकारी तथा एएनएम के पदों में नियुक्ति के लिए विज्ञापन का प्रस्ताव बनाने का निर्देश दिया। बैठक में  जिला सूचना एवं जनसम्पर्क पदाधिकारी, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी, डीएएमओ, जिला कार्यक्रम प्रबंधक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उपाधीक्षक सदर अस्पताल, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, सभी रेफरल अस्पताल, गुमला जिलांतर्गत सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, यूनिसेफ के प्रतिनिधि,  विश्व स्वास्थ्य संगठन के डॉ मृत्युंजय कुमार, बीपीएम व अन्य उपस्थित थे।

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