नई दिली: राजस्थान के जैसलमेर में हुई जीएसटी काउंसिल की 55वीं बैठक में सरकार ने टैक्स चोरी पर लगाम लगाने के लिए बड़ा कदम उठाया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में ‘ट्रैक एंड ट्रेस’ सिस्टम को मंजूरी दी गई है. ये खास तरीके से काम करेगा, जिससे टैक्स चोरी करने वालों पर शिकंजा सकने में आसानी होगी.
ऐसे काम करेगा सरकार का सिस्टम
सरकार ने टैक्स चोरी करने वालों पर शिकंजा कसने और इन्हें रोकने के लिए अब ‘ट्रैक एंड ट्रेस’ ट्रैकिंग सिस्टम लागू करने का फैसला किया है. इस प्रस्ताव पर शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की अध्यक्षता में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में मुहर लगाई गई.
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इस सिस्टम के काम करने के तरीके के बारे में बात करें, तो जीएसटी काउंसिल की ओर से बताया गया कि Track And Trace के तहत उन वस्तुओं या पैकेट पर एक विशिष्ट चिह्न लगाया जाएगा, जिनमें टैक्स चोरी की संभावनाएं ज्यादा है. इससे सप्लाई चेन में उनको ट्रैक करना और भी आसान होगा. ऐसा करने से टैक्स चोरी करने वाले अपने काम को अंजाम नहीं दे पाएंगे और अगर वो ऐसा करेंगे तो आसानी से पकड़ लिए जाएंगे.
टैक्स चोरी पर रहेगी पैनी नजर
पीटीआई के मुताबिक, GST Council की ओर से बताया गया इस प्रस्ताव को मंजूरी देने का उद्देश्य केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (CGST) अधिनियम, 2017 में धारा 148A के जरिए एक प्रावधान शामिल करना है, ताकि टैक्स चोरी की संभावना वाले उत्पादों की निगरानी करने और पता लगाने (ट्रैक एंड ट्रेस) के तंत्र को लागू करने के लिए सशक्त बनाया जा सके. अब ये सिस्टम डेवलप करने के लिए एक कानूनी ढांचा उपलब्ध होगा और सप्लाई चेन में टैक्स चोरी की संभावना वाली वस्तुओं पर नजर रखने में आसानी होगी.