जमशेदपुर: झारखंड आंदोलन के महान नेता निर्मल महतो की जयंती पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस दौरान राज्य के मंत्री चंपई सोरेन और बन्ना गुप्ता ने निर्मल महतो की समाधि स्थल पर उन्हें श्रद्धांजलि दी. यहां चंपई सोरेन ने बताया कि कोरोना को देखते हुए सादगी के साथ जयंती मनाई जा रही है. झारखंड सरकार शहीदों के आश्रितों को सीधी नियुक्ति देने के लिए वचनबद्ध है. वहीं स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि उन्होंने आज निर्मल महतो के सपनो को पूरा करने का संकल्प लिया है.
जमशेदपुर में झारखंड आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले शहीद निर्मल महतो की आज 71 वीं जयंती मनाई गई. निर्मल महतो की जयंती पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेताओं और कार्यकर्ताओं के अलावा दूसरे दलों के नेताओं ने भी निर्मल महतो को श्रद्धांजलि दी. अविभाजित बिहार में 25 दिसंबर 1950 में निर्मल महतो का जन्म हुआ था. झारखंड अलग राज्य के लिए निर्मल महतो लगातार आंदोलन करते रहे. 8 अगस्त 1987 के दिन बिस्टुपुर चमरिया गेस्ट हाउस के पास अपराधियों ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी. उनकी हत्या के बाद आंदोलन और उग्र हो गया था.
बिस्टुपुर चमरिया गेस्ट हाउस के पास शहीद निर्मल महतो की मूर्ती स्थापित की गई है. आज यहां मंत्री चम्पई सोरेन और मंत्री बन्ना गुप्ता पहुंचे और शहीद निर्मल महतो के समाधि स्थल पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. यहां बन्ना गुप्ता ने कहा कि निर्मल महतो गरीबों के मसीहा थे और शोषण के खिलाफ थे. स्वास्थ मंत्री ने कहा कि निर्मल महतो ने जो सपना देखा था वे उसे पूरा करेंगे.