रांची : भूटान में आयोजित भारत-भूटान पैरा थ्रो बॉल प्रतियोगिता में पुरुष और महिला दोनों वर्गों में भारत ने शानदार जीत दर्ज करते हुए अंतर्राष्ट्रीय स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया. विजेता भारतीय दल में शामिल झारखंड के खिलाड़ी मुकेश कंचन, सनोज महतो, महिमा उरांव और असुंता टोप्पो का स्वदेश वापसी पर रांची रेलवे स्टेशन के बाहर ढोल-बाजा के साथ स्वागत किया गया. भारतीय टीम के कप्तान मुकेश कंचन ने कहा कि निरंतर प्रयास और प्रोत्साहन से झारखंड के खिलाड़ियों का प्रदर्शन अव्वल रहा. सनोज महतो ने उम्मीद जताई कि सरकार का सहयोग मिलता रहेगा. साथ ही वे भविष्य में बड़े देशों को भी अपने बेहतर प्रदर्शन से मात देंगे.
खिलाड़ियों के लिए सीमित सुविधाएं
झारखंड पैरा ओलंपिक संघ के अध्यक्ष राहुल मेहता ने बताया कि आज भी राज्य में दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए सुविधा काफी सीमित हैं. खिलाड़ी न्यूनतम सुविधाओं के बीच अभ्यास करते हैं. यह तो खिलाड़ियों, कोच और पैरा थ्रो बाल संघ का अपने देश के लिए कुछ कर दिखाने का जज्बा है जो उन्हें बुलंदी तक ले जा रहा है. सरकार से आग्रह है कि खिलाड़ियों को आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने का प्रयास करें. महिला दल की सदस्यों महिमा उरांव और असुंता टोप्पो ने कहा कि ये उपलब्धि सपना सच होने जैसा है. उन्होंने जो समझा था नाकाबिल जिन्हे ईंट तोड़ने को, वो पूरी की पूरी पहाड़ तोड़ लाए. मौके पर समाजसेवी अंतू तिर्की, पैरालंपिक एसोसिएशन ऑफ झारखंड के अध्यक्ष राहुल मेहता, सचिव सरिता सिन्हा,पैरा स्पोर्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष कमल अग्रवाल, सचिव अविनाश तिवारी, सोदाग पंचायत के मुखिया पतरस तिर्की समेत सोदाग पंचायत के सैकड़ों लोगों ने स्वागत किया. सृजन हेल्प के सचिव गुंजन गुप्ता, मुकेश महतो, गणेश साहू एवं कई सामाजिक संगठनों ने पदक जीत कर वापस आने पर मुकेश कंचन, सनोज महतो, महिमा उरांव असुंता टोप्पो को बधाई दी.