हजारीबाग : अदाणी इंटरप्राइजेज लिमिटेड को कोयला मंत्रालय द्वारा आवंटित गोंदलपुरा खनन परियोजना के लिए शुक्रवार को हजारीबाग जिला प्रशासन ने महुगाई कला पंचायत में ग्राम सभा का आयोजन किया. इस दौरान वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी मे सेंटर फॉर एडवांसिंग एंड लॉन्चिंग एंटरप्राइजेज (CrAdLE) के सलाहकारों ने परियोजना के भू-अर्जन के कारण होने वाले संभावित विस्थापितों और परिवारों के लिए बनी पुनर्वास योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी, जिसे हजारीबाग के समाहर्ता सह प्रशासक ने तैयार किया है.
यह योजना भूमि अर्जन और पुनर्वासन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम 2013 की धारा 16 (4) और (5) के प्रावधानों के अधीन है. ग्राम सभा के दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे, जिनमें से ज्यादातर ग्रामीण जहां एक और परियोजना के समर्थन में थे, वहीं कुछ ग्रामीणों ने अपने पुनर्वसन और मुआवजे पर अपना मतभेद भी सामने रखा.
इस अवसर पर जिला प्रशासन की तरफ से अधिकारियों ने ग्रामसभा का संचालन किया और ग्रामीणों के निवेदनों को दर्ज किया. मौके पर दंडाधिकारी दीपक कुमार दुबे, अंचल अधिकारी बालेश्वर राम, सीआई अनुज कुमार, राजस्व कर्मी आशीष कुमार, जितेंद्र कुमार, और थानेदार विनोद तिर्की आदि मौजूद थे.
परियोजना शुरू होने से हजारीबाग को मिलेंगे रोजगार के हजारों अवसर
खान विभाग के अधिकारियों के अनुसार, अदाणी इंटरप्राइजेज के गोंदलपुरा खनन परियोजना के शुरू होने से राज्य सरकार को करीब 600 करोड़ रुपये का राजस्व हर साल मिलेगा. इसके अलावा हजारीबाग जिले में पांच से दस हजार लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार का अवसर भी मिलेगा. यहां कोयला खनन शुरू होने से अवैध कोयले की तस्करी पर भी लगाम लगेगी, जिस कारण सरकार को राजस्व मे भारी फायदा मिलेगा और जनहित के कार्यक्रमों को बल भी.
मालूम हो कि झारखंड भारत के प्रमुख कोयला उत्पादक राज्यों मे से एक है और तकनीकों से लैस अध्यतन खदानें राज्य के पर्यावरण और अर्थतन्त्र दोनों के हितों के बीच संतुलन बनाए रखेंगी.