हजारीबाग। गोंदलपुरा कोल ब्लॉक के लिए बुधवार को गाली के ग्रामीणों के साथ सामाजिक प्रभाव आकलन (एसआईए स्टडी) हेतु ग्राम सभा का आयोजन किया गया। इस ग्राम सभा में हजारीबाग जिला प्रशासन की ओर से एसआईए स्टडी हेतु अधिसूचित एजेंसी नाबार्ड कंसल्टेंसी सर्विस प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारियों ने कोल माइंस खुलने और सामाजिक प्रभाव आकलन (एसआईए स्टडी) के सभी प्रभावों की जानकारी दी।
ग्रामीणों ने इस एसआईए रिपोर्ट के विवरण को ध्यानपूर्वक सुना। हालाँकि, इस दौरान एक ओर जहाँ कुछ ग्रामीणों ने मौन रहकर इसका विरोध जताया, वहीँ कुछ ग्रामीणों ने इस पर अपना मंतव्य भी दिया। इस दौरान कोयला खान परियोजना से पड़ने वाले प्रभावों पर चर्चा भी की गयी।एजेंसी के अधिकारियों ने उपस्थित ग्रामीणों को कोल माइंस खुलने से होने वाले सभी फायदों के बारे में बताया, जैसे भू-अर्जन अधिनियम 2013 में मुआवज़े से सम्बंधित जानकारी, पारदर्शिता अपनाते हुए भूमि के उचित मुआवज़े का निर्धारिकरण, रोजगार की संभावनाएं और आधारभूत संरचनाओं के विकास से जुड़ी जानकारियां दी। साथ ही ग्रामीणों से उनके विचार भी जानने की कोशिश की ताकि अंतिम दस्तावेज में इसे शामिल किया जा सके एवं नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सके। इस ग्राम सभा के सुव्यवस्थित और सफल सञ्चालन के लिए उपायुक्त के आदेश से सदर अनुमंडल पदाधिकारी के नेतृत्व में कार्यपालक पदाधिकारी नवीन भूषण कुल्लू प्रतिनियुक्त थे। वहीँ, ग्राम सभा के सफल सञ्चालन के लिए आवश्यकतानुसार पुलिस बलों की भी प्रतिनियुक्ति की गयी थी।
एजेंसी के अधिकारियों ने ग्रामीणों को बताया कि इस कोयला खनन परियोजना के खुलने से इलाके की तस्वीर बदलेगी। यहाँ आधारभूत संरचनाओं का विकास होगा। तरक्की के नए आयाम खुलेंगे। ग्रामीणों के लिए प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के मौके बढ़ेंगे और स्थानीय स्तर पर व्यापार भी बढ़ेगा।
बताया गया कि इसमें झारखण्ड सरकार एवं प्रशासन भू-अर्जन अधिनियम 2013 का पूरी तरह से पालन किया जाएगा।इधर, ग्राम सभा के विरोध में महिलाओं ने सड़क पर बैठ कर मौन प्रदर्शन किया एवं हाथों में बैनर-पोस्टर लेकर उन्होंने कोल परियोजना का विरोध जताया और कंपनी एवं प्रशासनिक अधिकारियों के वाहन को आगे बढ़ने से रोकने की कोशिश की, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों के समझाने के बाद ग्राम सभा संपन्न हुई।