जामताड़ा : जल जंगल और जमीन को सुरक्षित रखने के लिए संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम को सशक्त और समृद्ध बनाना होगा. वर्तमान समय में शासन प्रशासन के उदासीनता के कारण जिले में काश्तकारी अधिनियम की परंपरागत व्यवस्था लक्ष्य प्राप्ति से पहले दम तोड़ रहा है. जिसका खामियाजा अनुसूचित जिले के आदिवासी मूलवासी को भुगतना पड़ रहा है. उक्त बातें शुक्रवार को जामताड़ा शहर के गांधी मैदान में ग्राम प्रधान की जिला स्तरीय बैठक में संगठन के महामंत्री शिवलाल मुर्मू ने कहीं.
मुर्मू ने ग्राम प्रधान से कहा कि विभागीय उपेक्षा के कारण अधिकांश गांव से ग्राम सभा लुप्त हो चुका है. आशिक गांव में ग्राम सभा होती भी है तो ग्राम प्रधान की अध्यक्षता जरूरी नहीं समझते हैं. ग्राम सभा को सशक्त एवं समृद्ध बनाने के लिए तमाम ग्राम प्रधानों को एकजूट होकर परंपरागत व्यवस्था को धरातल पर प्रभावकारी बनाना होगा. जिला अध्यक्ष अजीत दुबे ने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष अंतिम पड़ाव पर है. तमाम ग्राम प्रधान परंपरागत व्यवस्था के तहत गांव के संबंध रैयतों से माल गुजारी राशि वसूली कर 20 मार्च से पूर्व अंचल कार्यालय में जमा करते हुए जमा की गई मालगुजारी राशि का रसीद प्राप्त कर लें.
बैठक के दौरान अलग-अलग प्रखंड के ग्राम प्रधान ने बताया कि पिछले साल 2020 से 2024 तक करीब छः महीने के मासिक सम्मान राशि का भुगतान लंबित है. जिला स्तरीय शिष्ट मंडल बैरिया पदाधिकारी से संपर्क स्थापित कर पिछले छः माह के लंबित सम्मान राशि के भुगतान की दिशा में पहल करें. इस दौरान यह भी चर्चा की गई कि एसपीटी एक्ट के तहत ग्राम प्रधान को मिले मौलिक अधिकार से वर्तमान समय में भी ग्राम प्रधान वंचित है. ग्राम प्रधान को पूर्ण अधिकार नहीं मिलने से संचालित विकास योजनाएं का निर्माण उपयुक्त स्थल पर नहीं हो पा रहा है.
इतना ही नहीं, जरूरतमंद लोग जन कल्याणकारी योजनाओं के प्राप्त करने से वंचित हो रहे हैं. तमाम योजनाओं का लाभ ग्राम सभा के माध्यम से निर्णय लेने के उपरांत दिया जाए, ऐसी व्यवस्था स्थापित करने के लिए उपायुक्त को मांग पत्र सौंपा जाएगा. अंत में निर्णय लिया गया कि मार्च माह के पहले सप्ताह में ग्राम प्रधान के सभी प्रकार की समस्याओं का निदान को लेकर शिष्ट मंडल मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन से मुलाकात करेगा.
बैठक में संगठन के परमंडलीय महासचिव सह प्रवक्ता अरविंद कुमार ओझा, नारायणपुर, जामताड़ा तथा कर्माटांड़ प्रखंड अध्यक्ष क्रमशः हेमन, रजाक अंसारी, धनंजय सिंह, दुबराज भंडारी, अमर मंडल, सलीम अंसारी, नेमुल शेख, भुवनेश्वर हंसदा, गोपाल राय, मनोजित सरखेल आदि ग्राम प्रधान मौजूद थे.
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