- मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर सरकार की ओर से उत्तर दिया
रांची : राज्यपाल का अभिभाषण अब तक के अभिभाषण में सबसे छोटा रहा. इसमें दूरदर्शिता थी. ये अभिभाषण नहीं ये सरकार का श्वेत पत्र है. इससे स्पष्ट है कि सरकार राज्य के लिए क्या करना चाहती है. झारखंड देश का पिछड़ा राज्य है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर आज 12 दिसंबर को सरकार की ओर से उत्तर दे रहे थे.
उन्होंने कहा- पिछली सरकार के कार्यकाल में सर्वांगीण विकास की नींव पड़ चुकी हैं. अब इमारत बनाने की बारी है. हम नहीं हमारा काम बोलेगा. अलग राज्य गठन के बाद प्रदेश में बदलाव 2019 के बाद दिखाई दिया. विपक्ष परस्पर सहयोग दे. रांची को नया आयाम हम दे रहे है. हर दिन एक नया अध्याय राज्य में जुड़ेगा.
इससे पहले राज्यपाल के अभिभाषण पर पहली पाली में चर्चा हुई, जेएमएम विधायक स्टीफन मरांडी ने राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद का प्रस्ताव पेश किया. इसके बाद सदन ने भी राज्यपाल के अभिभाषण पर आभार जताया. मथुरा महतो को जेएमएम का मुख्य सचेतक नियुक्त किया गया. इसके बाद सदन की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.
झारखंड राज्य कैसे बना, इसकी पीड़ा हम समझते हैं
मुख्यमंत्री हेमंत ने कहा कि झारखंड के ऊपर कौन सा अभिशाप लगा कि भूमिहीन विस्थापित हो गए. पलायन करना पड़ा. इसी पीड़ा को लेकर हमारे नेताओं ने राज्य की अलग परिकल्पनाएं रखीं. जब ये परिकल्पना रखी गई तो सामंतवादी लोग हमारे नेताओं का उपहास करते थे. एक लंबी लड़ाई के बाद जो असंभव था वो संभव हुआ. झारखंड बना. बीजेपी वाले अटलजी को श्रेय देते है. वो उस समय देश के पीएम थे. राज्य कोई छोटा-मोटा संघर्ष की लड़ाई से नहीं मिला. इसकी पीड़ा हम समझ सकते हैं.
ये राज्य आंदोलन की उपज है, यहां के लोग स्वाभिमानी होते हैं
अलग राज्य स्थापना के बाद 2019 तक राज्य को क्या मिला? हमारी सरकार नहीं बनती तो राज्य का क्या होता. याद करिए भात भात करके लोग मरे हैं. जब सरकार 2019 में बनी तो सरकार को अस्थिर करने के लिए क्या-क्या हुआ. हमने पिछली सरकार में हर चेहरे पर मुस्कुराहट लाया. हमारी सरकार के काम का उत्साह हर जगह दिखा. जनता का आभार, हमारी सरकार प्रोजेक्ट भवन से चलने वाली सरकार नहीं है. हम काम करते रहेंगे. गांव को मजबूत करेंगे. ये राज्य आंदोलन की उपज है. इसलिए यहां के लोग स्वाभिमानी होते हैं. ये मंजिल पाए बिना नहीं रुकते.
बाबूलाल ने सरकार से पूछे कई सवाल
बीजेपी की तरफ से बाबूलाल मरांडी ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि भले अंकगणित में बीजेपी पीछे रही है, लेकिन आप सभी को मालूम होना चाहिए कि भाजपा को 33% वोट मिला है, इसकी तुलना में कांग्रेस को 15.56% मिला. मणिपुर हिंसा की बात करने वालों को चाईबासा के गुदड़ी में जाना चाहिए. वहां सेंदरा हो रहा है. पुलिस ने अपना काम करना छोड़ दिया है. जनता कानून को हाथ में ले रही है.
उन्होंने आगे कहा कि चुनाव के समय वादा किया था कि ₹3200 प्रति क्विंटल धान की खरीद होगी, लेकिन जो बात सामने आ रही है, उसके मुताबिक अब 2400 रु प्रति क्विंटल के हिसाब से धान की खरीद होगी.
बालू की लूट मची है. लोग पीएम आवास नहीं बना पा रहे हैं. सरकार को बालू उठाव फ्री कर देना चाहिए.
1951 की जनगणना के मुताबिक संस्थान 44.66% आदिवासी थे, लेकिन 2011 की जनगणना में आदिवासियों की संख्या घटकर 28% हो गयी है. यह चिंता का विषय है. सरकार को एनआरसी लाना चाहिए.
हेमंत सरकार फिर आए, हम ये सुनिश्चित करेंगे : कल्पना सोरेन
जेएमएम विधायक कल्पना सोरेन ने चर्चा में भाग लेते हुए अभिभाषण में सरकार द्वारा किए जाने वाले कार्यों का जिक्र किया है. जनता ये जानना चाहती थी कि सरकार क्या करेगी? ये अबुआ सरकार है हर वादे को पूरा करेगी. पिछले पांच साल कैसे गुजरे सब जानते हैं. हमने बहुत काम किया है आगे भी करेंगे. पहली बार कोई सरकार रिपीट हुई है. सोना झारखंड बनाकर गुरुजी के सपने को पूरा करना है. उन्होंने कहा राज्य गरीब नहीं है इसको गरीब बनाया जा रहा है. हमारा बकाया केंद्र के पास है. हेमंत सरकार फिर आए हम ये सुनिश्चित करेंगे.
हेमलाल ने चंपाई पर किया कटाक्ष
जेएमएम विधायक हेमलाल मुर्मू ने कहा कि चंपाई सोरेन मेरे छोटे भाई थे, पता नहीं कौन सा भूत लगा कि उधर चले गए. हम दस साल उधर थे, उधर कुछ नहीं मिलेगा. आने वाले चुनाव में बीजेपी का नाम मिट जाएगा. चंपई जी बाबूलाल जी चीजों को समझे.
प्रदीप यादव ने बीजेपी पर साधा निशाना
प्रदीप यादव ने हिमंता बिस्व सरमा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मोदी लॉन्ड्री योजना के धुले व्यक्ति चुनाव में आए थे. मंईयां योजना की जगह नई योजना लाने की कोशिश की गई. उन्होंने बाबूलाल मरांडी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि गो-गो दीदी योजना के फॉर्म पर ये लोग धोखेबाजी कर रहे थे.
राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद देना उचित नहीं : सरयू राय
वहीं, सरयू राय ने कहा कि- राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में कहा है कि सभी महिलाओं को मंईयां सम्मान का लाभ मिलेगा. इसका अर्थ स्पष्ट करना चाहिए. इसलिए अभिभाषण पर धन्यवाद देना उचित नहीं लगता.
झारखंड आंदोलनकारी परिवारों को सरकारी नौकरियों में मिले आरक्षण
जेएलकेएम विधायक जयराम महतो ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि झारखंड आंदोलनकारी परिवारों को 5% आरक्षण सरकारी नौकरियों में मिलना चाहिए.
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