राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन के रांची पहुंचने और मुख्यमंत्री द्वारा ईडी को जवाब दिए जाने का इत्तेफाक एक ही दिन हुआ है. इसे लेकर झारखंड में सियासी बाजार गर्म होने लगा है.
रांची: झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन के रांची पहुंचने से कयासों का बाजार फिर से गर्म होने लगा है. राज्यपाल के रांची पहुंचने से कुछ घंटे पहले ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ईडी को अपना जवाब भिजवाया है. ईडी ने मुख्यमंत्री को 16 से 20 जनवरी तक का समय दिया है, यदि इस बीच वे आकर अपना बयान दर्ज नहीं करवाते हैं, तो ईडी उन्हें गिरफ्तार भी कर सकती है. इन तमाम संभावनाओं को लेकर कई तरह के कयास पिछले 15 दिन से लगाए जा रहे हैं, लेकिन सबकुछ इस बात कर निर्भर करता है कि ईडी का अगला कदम क्या होगा.
राज्यपाल ने पत्रकारों से नहीं की कोई बात
रांची एयरपोर्ट से राज्यपाल सीधा राजभवन के लिए रवाना हो गए. उन्होंने पत्रकारों से कोई बात नहीं की. उनका गाड़ी भी एयरपोर्ट के अंदर से ही निकली और बिना रुके राजभवन की तरफ बढ़ गई. इस पूरे मसले पर राज्यपाल ने काफी पहले से ही चुप्पी साध रखी है.
राज्यपाल के पास है तुरुप का इक्का
झारखंड में उठे सियासी भूचाल के बीच राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है. हेमंत पर ईडी द्वारा किसी भी तरह की कार्रवाई के बाद ही राज्यपाल की भूमिका केंद्र में आ जाएगी. नए सीएम के चुनाव से लेकर, सरकार द्वारा बहुमत सिद्ध करने तक में भी राज्यपाल सीधे तौर पर जुड़े हैं. इन सबके अलावा उनके पास चुनाव आयोग को वो लिफाफा अभी भी है, जिसके खुलने पर चुनाव आयोग की अनुशंसा के आधार पर भी कोई कार्रवाई की जा सकती है. यह अनुशंसा अवैध खनन पट्टा के मामले में की गई थी, जिसे राज्यपाल ने कभी सार्वजनिक नहीं किया.
20 के बाद ही कोई हलचल संभव
यह तो तय है कि अलगा इस सियासी खेल का अगला मोहरा 20 जनवरी के बाद ही चला जाएगा. यदि 20 तक हेमंत ईडी के दफ्तर में उपस्थित नहीं होते हैं, तो ईडी कार्रवाई के स्तर पर क्या करेगी, यह देखने वाली बात होगी. और यदि हेमंत उपस्थित हो जाते हैं, तो फिर यह देखना दिलचस्प होगा कि हेमंत अपने बयान में क्या दर्ज करवाते हैं और ईडी उससे कितना संतुष्ट होती है. फिलहाल 20 जनवरी तक का इंतजार सभी को है.
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