रांची। राज्यपाल रमेश बैस ने गुरुवार को झारखंड विधान सभा से पारित झारखंड वित्त विधेयक-2022 को तीसरी बार राज्य सरकार को लौटा दिया है। साथ ही राज्य सरकार को यह निर्देश दिया है कि इस विधेयक में उल्लेखित बिंदुओं और विवरणों की गंभीरतापूर्वक समीक्षा की जाए।
राज्यपाल ने कहा है कि यह भारत के संविधान की अनुसूची सात के तहत राज्य सूची में समाहित है या नहीं यह देखा जाये। विधेयक में बीमा या अन्य प्रावधानों से संबंधित कोई विवरण संघ सूची या समवर्ती सूची में तो सम्मिलित नहीं है?
उल्लेखनीय है कि भारत के संविधान के अनुसूची सात के तहत संघ सूची-एक के क्रम संख्या 47 में बीमा से संबंधित विषय का वर्णन किया गया है। राज्यपाल ने इन बिन्दुओं पर राज्य सरकार को विधि विभाग से मंतव्य प्राप्त कर इस विधेयक को अनुमोदन के लिए भेजने का निर्देश दिया।
उल्लेखनीय है कि यह विधेयक पूर्व में भी दो बार राज्यपाल के अनुमोदन के लिए आया था। प्रथम बार हिन्दी और अंग्रेजी संस्करण में रुपान्तरण संबंधी विभिन्न विसंगतियों के कारण इस विधेयक को वापस कर दिया गया। तत्पश्चात यह विधेयक राज्य सरकार द्वारा संशोधित विधेयक को बिना झारखंड विधान सभा से पारित किए ही राज्यपाल की सहमति के लिए प्रेषित कर दिया गया। राज्यपाल ने राज्य सरकार को यह कहते हुए इस विधेयक को फिर वापस किया कि संशोधित विधेयक को झारखंड विधान सभा से पारित करा कर अनुमोदन प्राप्त करने के लिए प्रेषित करें।