रांची : झारखंड विधानसभा के 23वें स्थापना दिवस समारोह में इस साल के सर्वश्रेष्ठ विधायक रामचंद्र सिंह को बिरसा मुंडा उत्कृष्ट विधायक के सम्मान से सम्मानित किया गया. वहीं, विधानसभा के उत्कृष्ट कर्मी संयुक्त सचिव मिथलेश कुमार मिश्र, अवर सचिव विष्णु पासवान, प्रशाखा पदाधिकारी निलेश कुमार सिंह व नियाज अहमद, वरीय सचिवालय सहायक तापस कुमार यादव और अनुसेवक माइकल लकड़ा को भी सम्मानित किया गया. राज्यपाल ने सभी को प्रशस्ति पत्र, शॉल तथा मोमेंटो देकर सम्मानित किया. उत्कृष्ट विधायक को 51 हजार रुपये और प्रत्येक चयनित पदाधिकारी एवं कर्मी को 21 हजार रुपये की सम्मान राशि दी गयी.

अंतर्विरोधों को भूलकर देश और राज्य को विकसित करने का संकल्प लें: विधानसभा अध्यक्ष

इस मौके पर स्पीकर रविंद्रनाथ महतो ने अपील की कि हम सब पक्ष और विपक्ष के लोग अपने अंतर्विरोधों को भूलकर देश और राज्य को विकसित करने का संकल्प लें. उन्होंने कहा कि राज्य गठन की 23 वर्षों की अवधि में हमारा राज्य पूर्ण युवावस्था में पहुंच चुका है. यह अवसर राज्य गठन की परिकल्पना करने वाले एवं राज्य गठन के लिए प्रमुख आंदोलनकारियों को याद करने के साथ-साथ राज्य गठन के उद्देश्यों की प्राप्ति की समीक्षा करने का भी है.

मेरा पूरा जीवन राज्य की जनता के लिए समर्पित हैः रामचंद्र सिंह

सम्मान लेने के बाद श्री सिंह ने अपने विधानसभा क्षेत्र मनिका की जनता को धन्यवाद दिया और कहा कि मुझे जनता का साथ मिला. हमने अपना काम किया है, जनसमस्याओं को सड़क से सदन तक ले जाने का काम किया है. उन्होंने कहा कि मेरा जीवन राज्य की जनता के लिए समर्पित रहेगा. उन्होंने अपने परिजनों को भी धन्यवाद दिया है. कहा है कि मुझे सम्मान योग्य बनाया है, जिसका प्रतिफल आज देखने को मिला है.

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राज्य की सबसे बड़ी पंचायत होती है विधानसभाः मुख्यमंत्री

राज्य की सबसे बड़ी पंचायत विधानसभा होती है. जाति, धर्म और वर्ग सबके लिए यह महापंचायत होती है. झारखंड की सिर्फ आम जनता के लिए ही नहीं बल्कि यहां के जल, जंगल, जमीन, आदिवासी यहां तक कि जीव-जंतुओं के लिए भी यह एक महापंचायत है. इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि विधानसभा, लोकसभा और राज्यसभाओं का महत्व क्या है. मुख्यमंत्री बुधवार को विधानसभा के 23वें स्थापना दिवस पर संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि जो भी यहां पहुंचते हैं, उन्हें हजारों-लाखों लोग मिलकर अपना एक प्रतिनिधित्व के तौर पर यहां भेजते हैं. महापंचायत में पहुंचने वाले से जनता को काफी आशा और उम्मीद होती है. यहां पहुंचने वाला व्यक्ति सबकी आवाज को सदन में रखता है. मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने कहा कि महापंचायत में सत्ता और विपक्ष होता है. दोनों को मिलकर हर हाल में लोकतंत्र के इस महापंचायत को नुकसान होने से बचाना होगा. भारत देश दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है. लोकतंत्र की असल परिभाषा विधायक के कामकाज से ही निकलता है. इसलिए हमें गंभीरतापूर्वक ऐसे संस्थाओं को चलाना होगा.

राज्य की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए सभी को संवेदनशील और सक्रिय होना होगाः राज्यपाल

राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि झारखंड विधानसभा का गौरवशाली इतिहास रहा है. पहले यह सभा एचईसी भवन से संचालित होता था. अब झारखंड का अपना विधानसभा भवन है. राज्यपाल ने कहा कि सदन में हम सभी को अपनी-अपनी ड्यूटी निभानी चाहिए. एक सोच के साथ सिर्फ विकास पर हमें फोकस रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि चुनाव को हम नजरअंदाज नहीं कर सकते. यह लोकतंत्र का एक हिस्सा है. यह बहुत खुशी की बात है कि हमारे झारखंड के मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष दोनों युवा शक्ति के प्रतीक है. दोनों बहुत ही ऊर्जावान हैं. दोनों अपने-अपने युवा शक्ति के साथ बेहतर काम करेंगे ऐसी ही हमारी कामना है. उन्होंने कहा कि राज्य की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए सभी को संवेदनशील और सक्रिय होना होगा, ताकि विकास की सीढ़ी अंतिम व्यक्ति के घर तक पहुंचे.

 

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