JoharLive Team

रांची । झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि गाय की सेवा करना अपने आप में बहुत पुण्य का काम है। गाय न केवल पशु है, बल्कि अपने आप में एक सम्पूर्ण गांव का प्रतिनिधित्व करती है।

मुर्मू सोमवार को झारखंड प्रादेशिक गौशाला संघ की बैठक में बतौर मुख्य अतिथि बोल रही थी। उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में पहले मधुमेह और ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियां नहीं होती थी, उसकी मुख्य वजह ग्रामीणों का पर्यावरण और पशु प्रेम भी था। क्योंकि पहले भोजन और अन्य कार्यों के लिए भी गांव के लोग ग्रामीण परिवेश पर ही निर्भर थे। उन्होंने कहा कि मुझे मेरे माता-पिता ने शुरू से ही गौसेवा के लिए प्रेरित किया था। इसीलिए गौसेवा मेरी आदतों में शुमार है। मुर्मू ने कहा कि मैं आज भी सुबह उठकर पहले कुछ समय राजभवन में गाय की सेवा में बिताती हूं, उसके बाद पूजा-पाठ के बाद ही कार्यों की जानकारी लेती हूं। उन्होंने बताया कि वह जीवन में बहुत-उतार चढ़ाव देखी हैं।

झारखंड प्रादेशिक गौशाला संघ के अध्यक्ष आरके अग्रवाल ने कहा कि अभी राज्य में गौशालाओं की संख्या 27 है और इनमें रखी जा रही गायों के लिए हमारे पास सुविधाओं का अभाव है। उन्होंने कहा कि हमने अपनी मांगों को कई बार सरकार के सामने रखा है, लेकिन सरकार हमारी मांगों को सुनती तो है, लेकिन उनपर ध्यान नहीं देती। उन्होंने कहा कि हमारे पास प्रत्येक दिन चार नयी गायें आती हैं। जिनको रखने के लिए भी हमारे पास जगह का अभाव है। फिर भी हम गायों का रख लेते हैं, ताकि सड़कों पर घूमते हुए गायों की दुर्दशा ना हों।

इस मौके पर संघ के लोगों ने राज्यपाल के समक्ष 13 सूत्री मांग भी रखी। इनमें गौशाला एक्ट लागू करने, गौशाला में स्थायी डॉक्टर रखने, गाय से बने खाद को सरकार खरीदे, प्रत्येक जानवर पर 100 रूपये खर्च करने सहित अन्य मांग शामिल है। राज्यपाल ने कहा कि संघ की मांगों को पूरा कराने का प्रयास करेंगी। बैठक में संघ के बसंत मित्तल, पवन कुमार, सुरेन्द्र कुमार, ज्योति बजाज, प्रमोद सारस्वत आदि मौजूद थे।

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