आर.के दूबे
रांची: झारखंड सरकार का कार्यकाल अब कुछ दिनों में खत्म होने को है. सभी राजनीतिक दल सामाजिक विसात बिछाने शुरु कर दिए है. एक तरफ मुख्य प्रतिद्वंदी दल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पूरे प्रदेश में सरकार के विरोध में परिवर्तन महारैली के माध्यम से जनता के बीच में है, तो दूसरी ओर सरकार के मुखिया हेमंत सोरेन एवं गांडेय विधायक सह धर्मपत्नी कल्पना सोरेन राज्य के सभी प्रमंडलों में मंईया सम्मान योजना को लेकर रैली के माध्यम से राशि लाभुकों तक पहुंचा रही है. हेमंत सोरेन के नेतृत्व क्षमता के सामने विपक्षी दलों के पास कोई मजबूत मुद्दा हाथ नहीं लग रहा है, जिसे आगामी विधानसभा चुनाव में भुनाया जा सकें. बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व झारखंड की कमान केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं असम के मुख्यमंत्री हेमंता विस्वा शर्मा को सौंपी है. भाजपा की रैलियों में उम्मीद के अनुरुप भीड़ नहीं दिख रहा है. वहीं, दूसरी ओर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन की सभाओं में अच्छी खासी भीड़ दिख रही है. राजनीतिक पंडितों की मानें तो सरकार द्वारा कई फैसले ऐसे लिए गए है, जो कि बीजेपी के लिए हर रणनीति पर भारी पड़ रही है.
मंइयां सम्मान योजना के लिए आम जनता उत्साहित
सरकार की इस योजना की चहुंओर प्रशंसा हो रही है. इस योजना के प्रारुप में बदलाव करते हुए सीम हेमंत सोरेन ने इतना तक कह दिया कि इस योजना का लाभ 18 से 20 वर्ष तक की युवतियों को भी मिलेगा. इस घोषणा के बाद से साफ देखा जा रहा है कि युवाओं का एक मुस्त वोट हेमंत के खाते में जाता दिख रहा है.
सर्वजन पेंशन योजना लागू होने से हर वर्गों में खुशी
सर्वजन पेंशन योजना के लागू होते ही जाति के आधार पर बांटने वाले लोगों को करारा जवाब मिला है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस फैसले से विरोधी दलों को चौंका दिया है. सर्वजन पेंशन योजना के तहत सभी वर्गों को पेंशन का लाभी मिल रहा है.
अबुआ आवास योजना से गरीबों को मिली राहत
झारखंड सरकार की इस योजना के तहत वैसे लोगों को आवास उपलब्ध करवा रही है, जो आर्थिक रुप से काफी कमजोर है. सरकार की इस फैसले से विरोधियों को जनता के बीच भाव नहीं मिल रहा है. जिससे बीजेपी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के हरेक रणनीति चाल को मात देने के लिए लगातार रणनीति बना रही है. अब आगे यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी विधानसभा चुनाव में जनता किसे स्वीकार करती है.

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