पटना : बिहार सरकार ने भूमि सर्वे की प्रक्रिया को लेकर बड़ा कदम उठाया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में कुल 33 प्रस्तावों पर मुहर लगी, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण निर्णय जमीन सर्वे की अवधि को छह महीने तक बढ़ाने का ही था. इस फैसले से राज्य के किसानों और नागरिकों को राहत मिली है, जो भूमि सर्वे से जुड़ी परेशानियों का सामना कर रहे हैं.
किस काम के लिए कितने दिन मिलेंगे
बैठक के दौरान यह भी तय किया गया कि भूमि सर्वे के लिए दी गई समय सीमा को बढ़ाकर अब 10 महीने (300 कार्य दिवस) कर दिया गया है. इसके तहत सेल्फ डिक्लियरेशन के लिए 180 कार्य दिवस, रैयत का दावा करने के लिए 60 कार्य दिवस और दावे के निपटारे के लिए भी 60 कार्य दिवस का अतिरिक्त समय मिलेगा.
मंत्री ने शीतकालीन सत्र में उठाया था मुद्दा
इससे पहले विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान भूमि सर्वे से जुड़ी समस्याओं को लेकर विभागीय मंत्री दिलीप जायसवाल ने बड़ा बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि सरकार भूमि सर्वे के नियमों में बदलाव करेगी और इसके लिए कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा. साथ ही उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि जब तक लोगों को सभी कागजात नहीं मिल जाएंगे, तब तक कोई सरकारी कर्मचारी या अधिकारी उन्हें कोई परेशानी नहीं देगा.
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