नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने साफ तौर पर कहा है कि केंद्र सरकार वामपंथी उग्रवाद को जड़ से उखाड़ने को लेकर काफी गंभीर है. उन्होंने कहा कि सरकार इसे हर तरीके से खत्म करेगी. गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को नक्सलवाद पर पूरे देश भर के मुख्य सचिव व पुलिस पदाधिकारियों की बैठक बुलायी. बैठक में उन्होंने नक्सलवाद को खत्म करने के सरकार के संकल्प को भी दोहराया. उन्होंने वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) पर एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करने से कुछ घंटे पहले सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर अपने विचार भी पोस्ट किये. उन्होंने कहा कि नक्सलवाद मानवता के लिए एक अभिशाप है. हम इसे इसके सभी रूपों से उखाड़ फेंकने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
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बिहार, बंगाल समेत पूर्वोत्तर राज्यों के प्रतिनिधि भी रहे मौजूद
बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के शीर्ष अधिकारी और केंद्र और राज्य सरकारों के कई वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हैं. बैठक में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह व राज्य के डीजीपी अजय कुमार सिंह भी मौजूद हैं. बैठक में पं बंगाल, बिहार, झारखंड के अलावा अन्य राज्यों के प्रतिनिधि मौजूद हैं.
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वामपंथी उग्रवाद कई दशकों से एक चुनौती
श्री शाह ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद कई दशकों से एक महत्वपूर्ण सुरक्षा चुनौती रहा है. हालांकि, यह मुख्य रूप से एक राज्य का विषय नहीं है. बता दें कि गृह मंत्रालय (एमएचए) ने वामपंथी उग्रवाद के खतरे को समग्र रूप से संबोधित करने के लिए 2015 से एक ‘राष्ट्रीय नीति और कार्य योजना’ लॉन्च की है, जिसमें प्रगति और स्थिति की सख्ती से निगरानी की जा रही है.
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राज्यों को केंद्र से अतिरिक्त आर्थिक सहायता की जरूरत : मुख्यमंत्री
बैठक में शामिल होने जाने से पूर्व मीडिया से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड में नक्सली समस्या लगभग समाप्ति की ओर है, लेकिन हम लोगों ने दर्द झेला है, उस घाव को भरने में थोड़ा समय लगेगा. हमलोगों ने सैकड़ों पुलिस के जवानों को खोया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि बूढ़ा पहाड़ जो लगभग 30 सालों से नक्सलियों के कब्जे में था, अब उसे मुक्त कर लिया गया है. मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने कहा कि नक्सली की परेशानी किसी एक राज्य की नहीं पूरे देश की है. जब तक नक्सली की परेशानी रहेगी, ना राज्य विकास कर पाएगा और ना ही देश के विकास में राज्य की बड़ी भूमिका हो पाएगी. इसलिए इस विषय पर केंद्र और राज्य को मिलकर काम करने की जरूरत है और राज्यों को केंद्र से अतिरिक्त आर्थिक सहायता चाहिए.
उन्होंने कहा कि केंद्र को झारखंड के लिए अतिरिक्त आर्थिक सहायता देनी चाहिए, ताकि विकास की जिस रफ्तार में हम पीछे रह गए हैं, उसे हम पकड़ सके. नक्सल पर हमने काबू पा लिया है. अब ऐसे क्षेत्र को हम विकास की योजनाओं से जोड़कर के आगे ले जाने का काम करेंगे.