Joharlive Team
नयी दिल्ली । वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को कहा कि क्षेत्रीय समग्र आर्थिक साझेदारी (आरसीईपी) वार्ता में शामिल होने के लिए पूर्व की सरकार को विवश किया गया था लेकिन मोदी सरकार किसी के दवाब में नहीं आयेगी ।
श्री गोयल ने राज्यसभा में आरसीईपी में सरकार के शामिल नहीं होने को लेकर दिये गये वक्तव्य के बाद स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि आरसीईपी में वार्ता हो सकती है , उसमें कोई झगड़ा नहीं है लेकिन देश के किसानों छोटे उद्योगों और करोबारियों का हित सबसे ऊपर है । उन्होंने कहा पहले की सरकार के समय कोई कारण रहा होगा जिसके कारण भारत ने इस वार्ता में अपने आप को शामिल किया।
उन्होंने पारदर्शी तरीके से व्यापार को बढाने पर जोर देते हुए कहा कि हमें फायदा होगा तो दूसरों को भी फायदा देंगे । देश का व्यापार घाटा लगातार बढ रहा है और यह बढकर सात लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है । वर्ष 2010-11 से 2018-19 तक आसियान के साथ व्यापार घाटा पांच अरब डॉलर से बढकर 21.8 अरब डॉलर हो गया है । चीन के साथ व्यापार घाटा वर्ष 2003-04 में 1.1 अरब डॉलर से 2013-14 में बढ़कर 36.2 अरब डॉलर हो गया।