JoharLive Desk
नई दिल्ली। अर्द्धसैनिक बलों को ज्यादा चुस्त दुरुस्त बनाने और सुगठित लड़ाकू इकाइयों में तब्दील करने की योजना पर सरकार काम कर रही है। इसके लिए अर्द्धसैनिक बलों का विलय करना और एक तय आयु के बाद जवानों को कठिन ड्यूटी पर नहीं लगाने जैसे कदम उठाए जाएंगे।
अधिकारियों ने बताया कि इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए एक विशेष समिति गठित की गई है। इसमें केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के वरिष्ठ अधिकारियों और गृहमंत्रालय के शीर्ष अधिकारी शामिल हैं। समिति इस साल के मध्य तक अंतिम रिपोर्ट सौंपेगी।
मंत्रालय में महानिदेशकों व विशेष सचिव (आंतरिक सुरक्षा) की समिति की चर्चा के प्रस्तावों में से एक बलों को विलय करना है। वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चीन और नेपाल से लगे समूचे पूर्वी क्षेत्र की सीमा की पहरेदारी के लिए आईटीबीपी और एसएसबी के विलय की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं।
मौजूदा समय में दोनों बलों के कार्य अलग अलग हैं। हालांकि इनका विलय करने से पहले इसके फायदे और नुकसान पर पूरी तरह विचार किया जाएगा। एक अन्य प्रस्ताव तीन लाख से अधिक जवानों वाले सीआरपीएफ को चुस्त दुरुस्त रखने का है ताकि आंतरिक सुरक्षा के सभी क्षेत्रों में उसका सबसे पहले इस्तेमाल किया जा सके।
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