नई दिल्ली : 2जी स्पेक्ट्रम मामले के फैसले में संशोधन की मांग करने वाली केंद्र सरकार के सुप्रीम कोर्ट जाने पर कांग्रेस ने शनिवार को आरोप लगाया कि भाजपा के पाखंड की कोई सीमा नहीं है, क्योंकि उसने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) के तहत 2जी स्पेक्ट्रम के प्रशासनिक आवंटन को घोटाला करार दिया था और अब नरेंद्र मोदी सरकार बिना नीलामी के स्पेक्ट्रम देने की अनुमति मांग रही है. केंद्र ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और 12 साल से अधिक समय के बाद, 2जी स्पेक्ट्रम मामले से संबंधित अपने फैसले में संशोधन की मांग कर रही है.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट किया, ‘‘मोदी सरकार और ‘भ्रष्ट जनता पार्टी’ के पाखंड की कोई सीमा नहीं है. मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान, उसकी तरफ से यही रोना रोया जाता था कि 2जी स्पेक्ट्रम का आवंटन एक घोटाला’ है. उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘अब, वे इसके विपरीत तर्क दे रहे हैं, वे नीलामी के बिना, जिसे चाहें उसे स्पेक्ट्रम देने की अनुमति के लिए उच्चतम न्यायालय में गए हैं.
रमेश ने दावा किया, ”बेशक, यह मोदी शासन पहले से ही सार्वजनिक संसाधनों को प्रधानमंत्री के पूंजीपति मित्रों को सौंप रहा है, हवाई अड्डों को एक कंपनी को सौंप दिया गया है, कोयला खदानों को फर्जी नीलामी में दे दिया गया है, और यहां तक कि सैटेलाइट स्पेक्ट्रम भी सौंप दिया गया है.” उन्होंने कहा कि 4 जून को भारत के मतदाता इस संगठित लुटेरी पार्टी को बाहर का रास्ता दिखा देंगे.
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