रांची : खनिजों से अधिक मूल्यवान खिलाड़ियों को मानने वाले विजनरी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रयास से खेल और खिलाड़ियों का इस्तेकबाल उनका सुनहरा आज कर रहा है. मुख्यमंत्री के नेतृत्व में खेल और खिलाड़ियों के विकास के लिए कई प्रयास विगत साढ़े तीन वर्ष में हुए हैं, जिसका प्रतिफल है कि आज खेल के क्षेत्र से जुड़ा झारखंड का हर वर्ग अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहा है. इस कड़ी को आगे बढ़ाते हुए एशिया महाद्वीप में पहली बार महिला एशियन हॉकी चैंपियन ट्रॉफी की मेजबानी झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में हो रहा है. इस चैंपियंस ट्रॉफी के लिए लगभग सभी टीम रांची पहुंच चुकी है.
हॉकी के महासंग्राम का गवाह बनेगा झारखंड
राज्य में आयोजित हो रहे महिला हॉकी एशियन चैम्पियंस ट्रॉफी में एशिया की छह प्रमुख टीमें भाग ले रही हैं, जिसका आयोजन 27 अक्टूबर से 05 नवंबर तक रांची में होगा. इससे पूर्व सिमडेगा में नेशनल जूनियर हॉकी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था. जहां पूरे भारत से आये खिलाड़ियों ने भाग लिया था.
स्कूल से खेल को बढ़ावा देने का प्रयास
राज्य के हुनरमंद स्कूली बच्चों की प्रतिभा को तरासने के लिए स्कूल स्तर पर खेलों झारखंड का आयोजन किया गया. ज़मीनी स्तर पर खेल को बढ़ावा देने के लिए सरकार इसकी शुरुआत की, जिसके तहत राज्य के सभी स्कूलों के बच्चों ने भाग लेकर अपने हुनर को दिखाने का काम किया. वहीं दूसरी ओर सहाय स्कीम की शुरुआत की है, जिसका मक़सद खेल के माध्यम से नक्सल क्षेत्र में रह रहे युवाओं के बीच सकारात्मकता का संचार कर उन्हें मुख्य धारा से जोड़े रखना का प्रयास किया गया. इस पहल के जरिए पहले वर्ष में कुल 75000 खिलाड़ियों ने भाग लेकर सरकार के प्रयास को सार्थक किया.
शारीरिक दक्षता और आवासन पर ध्यान
राज्य के खिलाड़ियों की शारीरिक दक्षता को चुस्त-दुरुस्त बनाए रखने के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर उनको दी जाने वाली भोजन की राशि में दोगुना से अधिक वृद्धि की गई. पूर्व में प्रति खिलाड़ी 175 रुपये भोजन की राशि के तौर पर दी जाती थी, जिसे बढ़ाकर 350 रुपये तक कर दिया गया. साथ ही, खिलाड़ियों के बेहतर आवासन के लिए खेल केंद्रों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है, ताकि खिलाड़ियों को रहने में किसी तरह की परेशानियों का सामना न करना पड़े. खिलाड़ियों के बेहतर प्रदर्शन में किसी तरह की बाधा न उत्पन्न हो. इसलिए राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय खेल स्पर्धा में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को उच्च कोटि के खेल किट भी सरकार उपलब्ध करा रही है.
सम्मान राशि में हुई वृद्धि
मुख्यमंत्री के निर्देश पर ही राष्ट्रीय, अन्तरराष्ट्रीय एवं ओलम्पिक खेलों में राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले एवं प्रतियोगिता में स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक प्राप्त करनेवाले खिलाड़ियों एवं प्रशिक्षकों को दी जाने वाली सम्मान राशि में वृद्धि की गई. राज्य के होनहार खिलाड़ियों के लिए सरकार ने नकद पुरस्कार नियमावली में संशोधन किया है. पहले जहां एक खिलाड़ी को 7 हजार रूपए मिलते थे अब उस खिलाड़ी को 50 हजार रूपए देने का प्रावधान खेल नीति–2022 के तहत किया गया. ओलंपिक में अगर खिलाड़ी स्वर्ण पदक जीतता है, तो पहले उन्हें 2 करोड़ रुपए देने का प्रावधान था, पर वर्तमान सरकार खेल नीति के तहत उसे बढ़ा कर 5 करोड रूपए कर दिया है. हाल ही में, मुख्यमंत्री द्वारा 19 खेलों के लिए 222 खिलाड़ियों एवं 52 प्रशिक्षकों के बीच करीब 05 करोड़ रुपए की सम्मान राशि पुरस्कार स्वरूप प्रदान किया गया.
पूर्व खिलाड़ियों को भी सम्मान
झारखंड का गौरव बढ़ाने वाले पूर्व खिलाड़ियों के लिए भी सरकार वर्तमान सरकार संवेदनशील रही है मुख्यमंत्री के निर्देश पर पूर्व खिलाड़ियों को 10 हजार रूपए प्रति माह बतौर पेंशन देने का प्रावधान किया किया गया है. इसके अतिरिक्त अगर किसी पेंशनभोगी पूर्व खिलाड़ी की मौत हो जाती है तो उनके परिजनों को 05 हजार रूपए देने का प्रावधान किया गया है.
स्टेडियम और खेल मैदान का भी निर्माण
खिलाड़ियों के लिए एक ओर जहां आधुनिक खेल स्टेडियम बनाए जा रहे हैं. वही पंचायत एवं पंचायत स्तर पर पोटो हो खेल मैदान का निर्माण और प्रखंड स्तर पर स्टेडियम बनाया जा रहा है सभी जिला के इंडोर स्टेडियम सहित स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का निर्माण किया जा रहा है ताकि हर स्तर पर खिलाड़ी अपनी हुनर का प्रदर्शन कर आगे आ सके.
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