Joharlive Desk

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड में अपनी संपूर्ण 52.98 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए शनिवार को बोलियां आमंत्रित की। निवेश और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (डीआईपीएएम) ने बोली दस्तावेज में कहा कि बीपीसीएल की रणनीतिक बिक्री के लिए दो मई को रूचि पत्र जारी किया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने 20 नवंबर को एक रणनीतिक निवेशक को प्रबंधन नियंत्रण के साथ सरकार की पूरी हिस्सेदारी बेचकर बीपीसीएल के निजीकरण का निर्णय लिया था।

बीपीसीएल का बाजार पूंजीकरण 1.03 लाख करोड़ रुपये है। मौजूदा भाव पर इसमें सरकार की हिस्सेदारी करीब 54,000 करोड़ रुपये की है। सफल बोलीदाता को उसी भाव पर 26 फीसदी हिस्सेदारी के अधिग्रहण को लेकर अन्य शेयरधारकों के लिए खुली पेशकश करनी होगी। बीपीसीएल के देशभर में 15,078 पेट्रोल पंप और 6,004 एलपीजी वितरक हैं। दिसंबर 2019 में निवेशकों के लिए अमेरिका, लंदन और दुबई में प्रचार अभियान भी चलाया गया था।

बीपीसीएल के साथ ही दीपम के अधिकारी ने कहा था कि एयर इंडिया और भारतीय कंटेनर निगम (कॉनकॉर) जैसी कंपनियों का रणनीतिक विनिवेश मार्च 2020 तक पूरा होने की संभावना नहीं है। जबकि उससे पहले बीपीसीएल की बिक्री की प्रक्रिया मार्च तक पूरी होने की संभावना जताई गई थी। सरकार ने बीपीसीएल के निजीकरण के लिए समयसीमा निर्धारित करते हुए कंपनी की परिसंपत्तियों के मूल्यांकन की रिपोर्ट 50 दिन के भीतर देने को कहा था।

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