Joharlive Desk
नई दिल्ली। देश के 23 राज्यों/संघ शासित प्रदेशों में भूमि अभिलेखों का 90 फीसदी से ज्यादा कम्प्यूटरीकरण हो चुका है और बाकी 11 राज्यों व संघ शासित प्रदेशों में यह काम प्रगति में है। यह जानकारी केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने दी। एक कार्यक्रम के दौरान डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम (डीआईएलआरएमपी) की जानकारी देते हुए मंत्रालय ने बताया कि 19 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 90 फीसदी से ज्यादा जमीन के नक्शे का डिजिटलीकरण हो चुका है और नौ राज्यों/संघ शासित प्रदेशा में इस दिशा में काम प्रगति में है।
रजिस्ट्रीकरण का कम्प्यूटरीकरण (एसआरओ) 22 राज्यों/संघ शासित प्रदेशों में 90 फीसदी से अधिक पूरा हो चुका है और आठ राज्यों/संघ शासित राज्यों में इस कार्य में पर्याप्त प्रगति प्राप्त की गई है।
मंत्रालय ने बताया कि राजस्व कार्यालय के साथ एसआरओ का एकीकरण 16 राज्यों/संघ शासित प्रदेशों में 90 फीसदी से अधिक पूरा हो चुका है और आठ राज्यों/संघ शासित राज्यों में यह कार्य काफी प्रगति में है।
केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज व कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को ग्रामीण विकास मंत्रालय के भूमि संसाधन विभाग की ‘डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम में सर्वोत्तम प्रथाओं’ पर एक पुस्तिका जारी की। यह पुस्तिका क्षेत्रीय और राष्ट्रीय कार्यशालाओं के दौरान राज्यों द्वारा दी गई प्रस्तुतियों पर आधारित है।
इसमें राष्ट्रीय नीति फ्रेमवर्क और अध्ययन में शामिल नौ राज्यों कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, महाराष्ट्र, त्रिपुरा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड और राजस्थान में भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण के लिए अपनायी गयी ‘सर्वोत्तम प्रथाओं’ की सूची दी गई है। इसमें विभिन्न प्रक्रियाओं जैसे (पंजीकरण, नामांतरण, सर्वेक्षण, निपटान, भूमि अधिग्रहण), प्रौद्योगिकी पहलें और विधिक तथा संस्थागत अवधारणा के कार्यान्वयन में त्रुटियों को भी कवर किया गया है।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि एक अच्छी भूमि अभिलेख प्रणाली प्रगतिशील समाज के लिए आवश्यक है।