नवादा। बिहार की नीतीश-तेजस्वी की सरकार स्वास्थ्य विभाग की सुविधाओं में व्यपाक बदलाव का दावा करती है पर नवादा में यह दावा फेल साबित हो रहा है.यहां एक गंभीर मरीज को सोमवार को ठेले के जरिए अस्पताल लाना पड़ा,क्योंकि मरीज के परिजन एंबुलेंस के लिए काफी देर तक टॉल फ्री नंबर पर फोन करते रहे पर वहां से किसी तरह का रिस्पांस नहीं मिला ।जिसके बाद उन्हें गंभीर मरीज को ठेले पर लादकर अस्पताल लाना पड़ा.
ठेले पर अस्पताल पहुंची मरीज का नाम सिरोमनी देवी है,जो शहर की कलाली रोड की निवासी है.उसे तेज बुखार हुआ था ।जिसकी वजह से वह पैदल चलने मे असमर्थ थी.उनके बेटे श्रवण वरनवाल ने एंबुलेंस के लिए टॉल फ्री नंबर पर लगातार फोन किया ,पर वहां से किसी तरह का रिस्पांस नहीं मिला ।तो वे पड़ोसी की मदद से ठेले पर लादकर अपनी मां को सदर अस्पताल लेकर पहुंचे.वहीं मरीज की गंभीर स्थिति को देखते हुए सदर अस्पताल के डॉक्टरों ने उन्हें पावापुरी बीम्स रेफर कर दिया.
व्यवस्था में कमी और कर्मियों की लापरवाही को दूर करने के लिए बिहार सरकार के डिप्टी सीएम सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर टारगेट सेट कर रहें हैं.इसके साथ ही वे अस्पतालों का औचक निरीक्षण भी करते रहें हैं ।जिससे अस्पताल की कमियों या वहां के कर्मियों की लापरवाही या मनमानी को जान कर कार्रवाई की जा सके.इसके बावजूद नवादा में एबुलेंस के अभाव में गंभीर मरीज को ठेला पर 2 किलोमीटर तक लादकर अस्पताल लाना कहीं न कहीं स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठा रहा है.