झारखंड

“इलेक्शन से पहले कलेक्शन में जुटी सरकार”, केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री ने झारखंड सरकार को घेरा

रांची : जेएसएससी की सीजीएल परीक्षा को लेकर रक्षा राज्य मंत्री सह रांची के सांसद संजय सेठ ने राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया है. परीक्षा में हुई गड़बड़ी पर केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि सरकार ने दो दिन तक इंटरनेट बंद करके सिर्फ राज्य के लोगों को परेशान करने का काम किया है. इस परीक्षा में जो कदाचार होना था, वह कदाचार हो चुका था. इंटरनेट बंदी के नाम पर जनता का आई वाश किया गया है. यह सरकार परीक्षा के नाम पर इलेक्शन से पूर्व कलेक्शन की तैयारी में लगी हुई है.

युवाओं को पांच साल से नौकरी का इंतजार

रक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि झारखंड के लाखों युवा 5 वर्षों से इस इंतजार में हैं कि राज्य सरकार नौकरी देगी. लेकिन यह सरकार नौकरी नहीं दे रही है. नौकरी मांगने वाले युवाओं पर लाठियां चलवा रही हैं. उनका दमन कर रही है. जेएसएससी की परीक्षा में पूर्व में गड़बड़ी हो चुकी थी. सरकार ने इस बार जो परीक्षा कराई उसमें भी व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी हुई है. अभ्यर्थी इस पर सवाल उठा रहे है पर सरकार जांच के नाम पर खानापूर्ति कर रही है. रक्षा राज्य मंत्री ने यह भी दावा किया है कि पूर्व की परीक्षाओं से जुड़े कई सवाल इस परीक्षा में भी दोहराए गए थे. ये कहीं ना कहीं कदाचार का ही हिस्सा है. इंटरनेट बंद करके उस कदाचार को फैलने से रोकने का प्रयास किया गया है.

न्याय के लिए सड़कों पर हैं युवा

आज भी युवा सड़कों पर है. जेएसएससी के पास युवा न्याय मांगने नहीं जाए, इसके लिए तानाशाही करके निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है. प्रतिदिन दर्जनों युवाओं का फोन आता है कि इस तरह की गड़बड़ी हुई है. राज्य सरकार में यदि तनिक भी नैतिकता है तो इन युवाओं की बात सुन ले. मुख्यमंत्री खुद पहल करें और जो युवा गड़बड़ी की बात कह रहे हैं, उन युवाओं को बैठाएं और मामले पर संज्ञान लें. इसके साथ ही दोषियों पर कार्रवाई भी सुनिश्चित करें

लापरवाही से गई 17 युवकों की जान

उन्होंने उत्पाद सिपाही की दौड़ में भी हुई गड़बड़ी और लापरवाही के कारण 17 युवाओं की मौत पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार के लिए हो सकता है इन युवाओं के जान की कीमत कुछ नहीं हो. लेकिन ये युवा अपने परिवार के भविष्य थे. कई घरों के चिराग बुझ गए. सरकार को इस बात का जवाब देना चाहिए कि किन परिस्थितियों में ऐसी घटनाएं हुई है. लीपा पोती और बरगलाने का काम अब सरकार को बंद करना चाहिए. उत्पाद सिपाही के नाम पर जिस तरह से युवाओं को दौड़ाया गया है, वह अमानवीय है. सिर्फ पैसे देने से किसी के परिवार का बेटा, किसी का पति, किसी का भाई लौट नहीं सकता है. इसलिए सरकार दोषियों पर कार्रवाई सुनिश्चित करें. राज्य की जनता इस विधानसभा चुनाव में सरकार को जवाब देने के लिए तैयार है.

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