कर्नाटक : कर्नाटक सरकार ने पूरे राज्य में हुक्का पर प्रतिबंध लगा दिया है. सरकार ने सार्वजनिक स्वास्थ्य और युवाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह फैसला किया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वैश्विक व्यस्क तंबाकू सर्वे 2016-17 का डाटा जारी किया था. इसी के आधार पर कर्नाटक सरकार ने हुक्का पर बैन लगाने का फैसला किया है. सर्वे में बताया गया कि कर्नाटक के 22 प्रतिशत युवा तंबाकू का सेवन करते हैं, जिनमें 8.8 प्रतिशत नशे के आदी हैं. डब्लूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार, 23.9 प्रतिशत युवा सार्वजनिक स्थानों पर तंबाकू के धुएं के संपर्क में आ रहे हैं.
कर्नाटक सरकार ने अपने आदेश में कहा “हुक्का बार के कारण आग लग सकती है. राज्य अग्नि नियंत्रण और अग्नि सुरक्षा कानूनों का उल्लंघ नहीं कर सकता है. हुक्का के कारण होटल, बार और रेस्तरां असुरक्षित जगहें बन जाती हैं. इसका सार्वजनिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है. हुक्का उत्पादों की बिक्री, खपत और विज्ञापन को हुक्का तम्बाकू या निकोटीन के रूप में जाना जाता है. जिसमें निकोटीन मुक्त, तम्बाकू मुक्त, स्वादयुक्त, बिना स्वाद वाला हुक्का गुड़, शीशा और अन्य नाम होते हैं. लोग इसे बेचते हैं, खरीदते हैं और पीते हैं. इसका व्यापार होता है. राज्य में सार्वजनिक स्वास्थ्य के हित में तत्काल प्रभाव से इस पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
नियम का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ होगा एक्शन
राज्य सरकार का कहना है कि नियम का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सीओटीपीए (सिगरेट और तंबाकू उत्पाद अधिनियम) 2003, बाल देखभाल और संरक्षण अधिनियम 2015, खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता अधिनियम 2006, कर्नाटक जहर (कब्जा और बिक्री) नियम 2015 और भारतीय दंड संहिता और अग्नि नियंत्रण एवं अग्नि सुरक्षा अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाएगा.
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