गोवर्धन पूजा दीपावली के अगले दिन यानी कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है. लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ. जी हां, करीब 27 साल बाद दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा नहीं की गई. कारण था आंशिक सूर्य ग्रहण. इस वजह से यह पूजा दिवाली के तीसरे दिन यानी आज (26 अक्टूबर) की जाएगी. गोवर्धन पूजा की तिथि और मुहूर्त इस बार कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा तिथि का शुभारंभ 25 अक्टूबर को शाम 04.18 बजे से शुरू हो चुका है जो आज यानी 26 अक्टूबर को दोपहर 02. 42 मिनट तक है.
पूजा करने की विधि गोवर्धन पूजा के लिए सबसे पहले घर के आंगन पर गोबर से गोवर्धन का चित्र बनाएं या गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाएं. इसके बाद रोली, चावल, खीर, बताशे, जल, दूध, पान, केसर, फूल और दीपक जलाकर गोवर्धन भगवान की पूजा करें. कहा जाता है कि इस दिन विधि विधान से सच्चे दिल से गोवर्धन भगवान की पूजा करने से सालभर भगवान श्रीकृष्ण की कृपा बनी रहती है.
पौराणिक कथाओं के अनुसार, ब्रजवासियों की रक्षा के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी दिव्य शक्ति से विशाल गोवर्धन पर्वत को छोटी उंगली में उठाकर हजारों जीव-जतुंओं और मनुष्यों के जीवन को भगवान इंद्र के कोप से बचाया था. साथ ही भगवान इन्द्र के घमंड को चूर-चूर करते हुए श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत की पूजा की थी.