नई दिल्ली : घूमने के शौकीन लोगों के लिए खुशखबरी है. दरअसल आज यानी 1 नवंबर से थाईलैंड ने भारतीयों के लिए 7 महीनों के लिए वीजा-मुक्त प्रवेश का ऐलान किया है. थाईलैंड के प्रधानमंत्री स्रेता थाविसिन ने मंगलवार को ऐलान किया कि भारत और ताईवान के लोगों को देश में वीजा-फ्री एंट्री दी जाएगी और वे एक महीने तक वहां रह सकेंगे. पहली नवंबर से ही वीजा-फ्री एंट्री की यह सुविधा शुरू हो रही है.

अपने पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के मकसद से थाईलैंड ने यह ऐलान किया है. कोविड महामारी के दौरान पर्यटन पर आधारित थाईलैंड की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचा था और अब तक भी पर्यटन उद्योग उस मार से उबर नहीं पाया है. थाईलैंड की जीडीपी में पर्यटन क्षेत्र लगभग 20 फीसदी का योगदान देता है.

अर्थव्यवस्था की खातिर लिया गया फैसला

थाईलैंड के प्रधानमंत्री स्रेथा थाविसिन ने साप्ताहिक कैबिनेट बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में कहा, “हम भारत और ताईवान के लोगों को वीजा-फ्री एंट्री देंगे क्योंकि इन देशों के बहुत से लोग थाईलैंड आना पसंद करते हैं.”

स्रेथा इसी साल अगस्त में देश के प्रधानमंत्री बने हैं. उनका कहना है कि पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देना और अर्थव्यवस्था को स्थिर करना उनकी प्राथमिकताएं हैं.

अब तक दोनों देशों के पर्यटकों को थाईलैंड की यात्रा के लिए वीजा-ऑन-अराइवल की सुविधा उपलब्ध थी. उन्हें एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद इमिग्रेशन चेक पॉइंट पर 15 दिन का वीजा अप्लाई करना पड़ता था. उसके लिए एक बैंक स्टेटमेंट और थाईलैंड में रहने की जगह का सबूत दिखाना जरूरी होता था.

भारतीयों के लिए वीजा-फ्री देश

थाईलैंड से पहले दुनिया के 22 देश हैं जिन्होंने भारतीयों के लिए वीजा फ्री एंट्री की सुविधा दे रखी हैं. ये हैं, अंगोला, बार्बाडोस, भूटान, डॉमिनिका, अल सल्वाडोर, फिजी, गैबॉन, गांबिया, ग्रेनाडा, हैती, जमैका, कजाख्स्तान, मकाऊ, मॉरिशस, माइक्रोनीजिया, नेपाल, फलीस्तीन, सेंट किट्स और नेविस, सेनेगल, सेंट विंसेंट, त्रिनिदाद टोबैगो और वनताऊ शामिल हैं.

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