देवघर। 10 साल में मैट्रिक परीक्षा पास करने का मामला फिर से तूल पकड़ते जा रहा है। क्या निशिकांत दुबे की सांसद सदस्यता खतरे के घेरे में है? यह सवाल इसलिए कि निशिकांत दुबे द्वारा 10 साल की उम्र में मैट्रिक परीक्षा पास करने से संबंधित हलफनामा की शिकायत लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से की गयी है। टीएमसी की सांसद महुआ मोइत्रा ने लोकसभा के स्पीकर समेत चुनाव आयोग और विजिलेंस कमीशन को इस विषय पर कार्यवाई के लिए पत्र लिखा है।
इस पत्र के अनुसार, सांसद निशिकांत दुबे ने अपने चुनावी हलफनामे में 10 साल की आयु में मैट्रिक परीक्षा पास करने, 17 साल की उम्र में ग्रेजुएशन की डिग्री लेने का दावा किया है। इसके अलावे निशिकांत दुबे ने 1993 में दिल्ली विश्वविद्यालय से पार्ट टाइम एमबीए करने का भी दावा किया है। जबकि, दिल्ली विश्वविद्यालय के रिकॉर्ड के अनुसार, निशिकांत दुबे कभी दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र नहीं रहे हैं। इसके अलावे निशिकांत दुबे ने 2013-15 सत्र में राजस्थान के प्रताप यूनिवर्सिटी से फुल टाइम एमबीए करने का भी दावा किया है। निशिकांत दुबे के इस दावे पर महुआ मोइत्रा ने प्रताप यूनिवर्सिटी का अटेंडेंस रिकॉर्ड के जांच की मांग की है। इसके साथ ही निशिकांत दुबे द्वारा प्रताप यूनिवर्सिटी से पीएचडी करने के दावे की भी जांच की मांग की गयी है। टीएमसी सांसद ने आरोपों के संबंध में साक्ष्य भी उपलब्ध कराया है।