गिरिडीह जिले के देवरी थाना क्षेत्र के चतरो तुरिया टोला गांव निवासी वीरेंद्र तुरी की मौत हो गई। उसकी उम्र करीब 36 वर्ष थी। वह मजदूरी करने राजस्थान गया था। तबीयत खराब होने पर वह ट्रेन से घर लौट रहा था। यात्रा के दौरान ही पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेलवे स्टेशन पर उसकी हालत और अधिक बिगड़ गई। इलाज के लिए भेजे जाने से पहले ही उसकी मौत हो गई। इसके बाद मजदूर के शव को ट्रेन से कोडरमा स्टेशन भेज दिया गया है। घटना की जानकारी मिलने के बाद परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है। गांव में मातम पसरा हुआ है।
बताया जाता है कि गरीबी से परेशान परिवार की हालत वीरेंद्र से देखी नहीं जा रही थी। आर्थिक स्थिति बदलने के लिए वह आठ दिन पूर्व गांव के दूसरे साथियों के साथ कमाने के लिए राजस्थान गया हुआ था। वहां जाने के दो दिन बाद उसकी तबीयत खराब हो गई। दूसरे साथियों ने उसे एक नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया। इलाज करवाने के बाद वह घर लौटना चाहता था। लिहाजा साथियों ने उसे घर भेज दिया। यात्रा के दौरान रविवार रात को ट्रेन के अंदर ही तबीयत बहुत अधिक खराब हो गई।
बेटी की शादी के लिए गया था कमाने
बताया जाता है कि मृतक की तीन बेटियां और एक बेटा है। सबसे बड़ी बेटी की शादी करने की जिम्मेदारी आ गई थी। घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण वह बेटी की शादी नहीं कर पा रहा था। शादी करने के लिए पैसे जुटाने के उद्देश्य से वह पहली बार नौकरी की तलाश में राजस्थान गया था। युवक की मौत की खबर सुनने के बाद पीड़ित परिवार के सारे सपने टूट कर बिखर गए हैं। अब परिवार का भरण पोषण करने वाला भी कोई नहीं है। वह अपने परिवार का अकेला कमाऊ सदस्य था। युवक के शव को कोडरमा रेलवे स्टेशन से लाने के लिए परिजन पहुंच गए हैं। घटना की सूचना पाकर चतरो पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि द्वारिका हाजरा, पूर्व मुखिया सुरेश हाजरा, भाजपा नेता प्रकाश हाजरा, घनश्याम हाजरा, दुखी तुरी, युगल किशोर हाजरा मृतक के घर पहुंचे। परिजनों को सांत्वना दी।
परिवार से कर गया था वादा, गरीबी के दिन दूर हो जाएंगे
राजस्थान कमाने गया मजदूर अपने परिवार से वादा कर गया था कि बहुत जल्द गरीबी के दिन दूर हो जाएंगे। दोस्तों ने कहा था कि वहां पहुंचते ही काम मिल जाएगा। हर महीने वेतन मिलेगा। वह इन पैसों से अपनी और अपने परिवार की जरुरते पूरी कर सकेगा। पत्नी मंजूी देवी ने कहा कि पूरे परिवार का अब कोई सहारा नहीं बचा है।