रांची : जेल में गैंगस्टर अमन सिंह की गोलियों से भूनकर हत्या के बाद लिये गये स्वतः संज्ञान पर झारखंड हाईकोर्ट में आज सुनवाई हुई. इस दौरान अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि यह घटना एक बड़े षड्यंत्र की ओर इशारा कर रही है.  जेल में हथियार पहुंचना और हत्या होना बड़ी बात है. इस मामले की जांच SIT बनाकर होनी चाहिए. सरकार इस पूरे मामले पर अपना जवाब दाखिल करे.

वहीं जेल आईजी उमा शंकर सिंह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत के समक्ष उपस्थित हुए. अदालत ने उनसे पूछा कि अब तक की जांच में उन्हें क्या पता चला ? उन्होंने अदालत को बताया कि सेफ्टी मेजर का पूरा ख्याल रखा गया है. घटना के बाद सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है. प्रथम द्रष्टया जिन लोगो की लापरवाही दिखी है उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है. अब तक घटना में शामिल चार-पांच अभियुक्तों की पहचान की गई है और उनसे पूछताछ की जा रही है. वही जेल आईजी ने यह स्वीकार किया कि जेल की सुरक्षा में चूक हुई है.

बता दें कि चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र और जस्टिस आनंदा सेन की खंडपीठ ने इस मामले में सुनवाई की राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन और अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने पक्ष रखा. उन्होंने अदालत को बताया कि सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और वरीय अधिकारियों की टीम इस पूरे मामले की जांच कर रही है.

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