Joharlive Desk
खगड़िया। खगड़िया जिले के बाढ़ पीड़ितों के साथ गंगा और बूढ़ी गंडक नदियां अठखेलियां कर रही हैं, जबकि कोसी और बागमती नदी के जलस्तर में गिरावट का दौर जारी है। कोसी नदी को बिहार का शोक कहा जाता है। इस नदी के शांत पड़ने से जहां लोग राहत की सांस ले रहे हैं वहीं गंगा और बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में स्थिरता आने के बाद हुई बढ़ोतरी लोगों को असमंजस में डाल रखा है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की नजर अब गंगा और बूढ़ी गंडक नदी पर टिक गई है।
सुबह कोसी और बागमती नदियां शांत नजर आई वहीं गंगा और बूढ़ी गंडक नदी ने अपने जलस्तर में मामूली बढ़त दर्ज कराया। गंगा नदी एक दिन में 0.3 मीटर बढ़कर खतरे के निशान से 0.58 मीटर ऊपर पहुंच गई है जबकि बूढ़ी गंडक नदी 0.05 मीटर बढ़कर खतरे के निशान से 0.76 मीटर ऊपर पहुंच गई है।
गंगा नदी का खतरे का निशान 34.7 मीटर है जबकि बूढ़ी गंडक नदी का खतरे का निशान 36.60 मीटर है। वर्तमान में गंगा नदी का जलस्तर 34.66मीटर दर्ज किया गया जबकि बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर 37.36 मीटर दर्ज किया गया। कोसी और बागमती नदियां निरंतर घट रही हैं हालांकि अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
जल संसाधन विभाग के आंकड़ों के अनुसार कोसी नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 1.41 मीटर ऊपर दर्ज किया गया जो एक दिन में 0 .07 मीटर कम हुआ है, जबकि बागमती नदी बीते एक दिन में 0.12 मीटर कम हुआ है। वर्तमान में कोसी नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 1.41 मीटर तथा बागमती नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 2.10 मीटर ऊपर बह रहा है।
कोसी नदी का खतरे का निशान 33.85 मीटर और बागमती नदी का खतरे का जलस्तर 35.63 मीटर है। जिला प्रशासन के आंकड़ों के अनुसार जिले के सभी सात अंचल बाढ़ प्रभावित हैं। जिले के 129 पंचायतों में से 41 पंचायतें बाढ़ प्रभावित हैं। जिला प्रशासन का कहना है कि जिले के 367 गांव में से 135 गांव के डेढ़ लाख लोग बाढ प्रभावित भी हैं।