नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश करते हुए फर्जी आईडी और दस्तावेज बनाने वाले 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इनमें से 5 सदस्य बांग्लादेशी नागरिक हैं, जो बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए फर्जी आधार कार्ड, वोटर आईडी और अन्य दस्तावेज तैयार करते थे, जिनका इस्तेमाल भारत में अवैध प्रवेश के लिए किया जाता था. डीसीपी साउथ अंकित चौहान ने जानकारी दी कि गिरफ्तार आरोपियों में 5 बांग्लादेशी नागरिक और 6 अन्य भारतीय नागरिक शामिल हैं. पुलिस ने इनसे बड़ी मात्रा में फर्जी दस्तावेज़ जैसे आधार कार्ड, वोटर आईडी और पासपोर्ट बरामद किए हैं. रजत मिश्रा नामक वेबसाइट संचालक और अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया. एक महिला को भी गिरफ्तार किया गया है, जिसने फर्जी आधार कार्ड से वोटर कार्ड बनवाया था.
डीसीपी ने बताया कि यह गिरोह बांग्लादेशी नागरिकों को जंगल के रास्ते भारत में घुसने में मदद करता था. शंतो शेख नामक व्यक्ति इन घुसपैठियों को फर्जी आधार कार्ड और सिम कार्ड मुहैया कराता था, जिसके बाद दिल्ली पहुंचने पर उन्हें फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मिल जाते थे. इन प्रमाण पत्रों के आधार पर असली आधार कार्ड बनाए जाते थे. अब तक दिल्ली में 1000 से अधिक अवैध बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान की जा चुकी है. पुलिस ने इस गिरोह के 4 संदिग्धों को भी गिरफ्तार किया है, जो हत्या के मामलों में वांछित थे और फर्जी दस्तावेज़ के जरिए भारत में घुसे थे.
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दिल्ली पुलिस ने 11 दिसंबर से बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान के लिए एक अभियान शुरू किया है. इस अभियान में घर-घर जाकर दस्तावेजों की जांच और पूछताछ की जा रही है. उपराज्यपाल वीके सक्सेना के निर्देश पर यह विशेष अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान के तहत दिल्ली नगर निगम (MCD) ने 21 दिसंबर को शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग को नोटिस जारी किए थे, जिसमें अवैध बांग्लादेशी नागरिकों के बच्चों की पहचान करने और उन्हें सरकारी स्कूलों में प्रवेश न देने के निर्देश दिए गए थे. MCD ने यह भी आदेश दिया कि अवैध बांग्लादेशी नागरिकों के द्वारा किए गए अतिक्रमण को तत्काल हटाया जाए.