7 सितंबर से शुरू हो रहा है विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा जो 17 सितंबर अनंत चतुर्थी तक मनाया जाता है।भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। इस बार यह चतुर्थी 7 दिसंबर से मनाया जायेगा। इस दिन धन- संपदा, ज्ञान- वैभव और बुद्धि के देवता भगवान गणेश की पूजा का विधान है।

चतुर्थी तिथि पर व्रत कर भगवान गणेश की पूजा करने से सभी तरह के संकट दूर हो जाते हैं।
सौभाग्य और संतान प्राप्ति की कामना से की जाती है गणेश चतुर्थी

7 सितंबर से शुरू हो रहा है विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा जो 17 सितंबर अनंत चतुर्थी तक मनाया जाता है।

भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। इस बार यह चतुर्थी 7 सितंबर से मनाया जायेगा। इस दिन धन- संपदा, ज्ञान- वैभव और बुद्धि के देवता भगवान गणेश की पूजा का विधान है।
चतुर्थी तिथि पर व्रत कर भगवान गणेश की पूजा करने से सभी तरह के संकट दूर हो जाते हैं।

गणेश चतुर्थी पूजन मुहूर्त-

शनिवार को चतुर्थी तिथि सूर्योदय से होने से पूजा दिनभर किया जाएगा। पर इसमें भी जो सबसे अच्छा मुहूर्त है उसमें सुबह का समय 07 बजकर 07 मिनेट से 08 बजकर 40 का समय अच्छा है। वहीं अभिजित मुहूर्त की बात किया जाय तो दिन के 11.22 से 12 .11 तक बहुत ही अच्छा समय है। गणेश चतुर्थी के दिन पूजन का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 03 मिनट से दोपहर 01 बजकर 33 मिनट तक रहेगा। चतुर्थी तिथि कब से कब तक रहेगी- पंचांग के अनुसार, चतुर्थी तिथि 06 सितंबर 2024 को दोपहर 02 बजकर 05 मिनट से शुरू होगी और 07 सितंबर 2024 को शाम 03 बजकर 48 मिनट पर इसका समापन हो जाएगा।

गणेश पुराण के अनुसार गणेश चतुर्थी का व्रत रखने पर सौभाग्य और संतान प्राप्ति की कामना पूरी होती है।
संकष्टी चतुर्थी का महत्व:
भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है। उपासना करने से जीवन से कष्ट और बाधाएं दूर हो जाती है और जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है।
गणेश पुराण के अनुसार गणेश चतुर्थी का व्रत रखने पर सौभाग्य और संतान प्राप्ति की कामना पूरी होती है।
संकष्टी चतुर्थी का महत्व:
भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है। उपासना करने से जीवन से कष्ट और बाधाएं दूर हो जाती है और जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है।

प्रसिद्ध ज्योतिष
आचार्य प्रणव मिश्रा
आचार्यकुलम, अरगोड़ा, राँची
8210075897

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