रांची: कोरोना संक्रमण के कारण पिछले 4 माह से बंद 9वीं से लेकर 12वीं तक के कक्षा को फिर से संचालन की अनुमति दी गई है. कोरोना महामारी के लिए जारी प्रोटोकॉल का ध्यान रखते हुए कक्षा का संचालन होगा. इसे लेकर एक तरफ जहां स्कूलों की ओर से तैयारियां की जा रही हैं. वहीं दूसरी और अभी भी अभिभावक असमंजस की स्थिति में हैं.
9वीं से 12वीं तक की कक्षा का संचालन
सीएम हेमंत सोरेन के निर्देश पर राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग ने 9वीं से लेकर 12वीं तक के बच्चों के लिए कक्षा के संचालन की अनुमति दी है. बता दें कि राज्य में कोरोना महामारी की रफ्तार फिलहाल कम है. इसी को लेकर स्कूल खोलने को विचार किया जा रहा है. शिक्षा और साक्षरता विभाग के सचिव राजेश शर्मा खुद इस मामले की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. फिलहाल राज्य के हाई स्कूल और प्लस टू विद्यालयों के सभी शिक्षक सोमवार से स्कूल आएंगे और स्कूलों की गतिविधियों को व्यवस्थित करेंगे. कक्षा संचालन से पहले विद्यालयों की साफ-सफाई और सेनेटाइज करने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी. फिर बच्चों के लिए स्कूल खोला जाएगा.
निजी स्कूल लेंगे अभिभावकों की राय
जानकारी के मुताबिक राज्य में लगभग 2 हजार 286 सरकारी विद्यालयों में पठन-पाठन दोबारा शुरू होने वाला है. वहीं निजी स्कूल के प्रबंधक इस मामले को लेकर अभिभावकों की राय का इंतजार कर रहे हैं. अभिभावकों से विचार विमर्श करने के बाद निजी स्कूल विद्यार्थियों को स्कूल बुलाने के बारे में विचार करेंगे. सोमवार (2 अगस्त 2021) से निजी स्कूलों में भी शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारियों की शत प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य की गई है. बताते चलें कि झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से रिजल्ट जारी करने के बाद अब राज्य के सरकारी प्लस टू विद्यालयों और कॉलेजों में नामांकन की प्रक्रिया शुरू होगी. इसके मद्देनजर भी विद्यालयों को खोले जाने का निर्देश जारी किया गया है.
9 अगस्त से बच्चे जाएंगे स्कूल
सरकार के निर्देश के बाद 9 अगस्त से सीनियर क्लास के बच्चे स्कूल आना शुरू करेंगे. स्कूल खुलने पर बच्चों और विद्यालयों दोनों को सरकारी गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य होगा.
सरकारी गाइडलाइन को जानिए
- स्कूल परिसर को साफ सुथरा रखना और सेनेटाइेजशन की व्यवस्था अनिवार्य होगी
- शिक्षक, विधार्थी और अन्य स्टाफ के लिए मास्क, ग्लब्स अनिवार्य होगा
- कक्षाओं में छात्रों को जिग-जैग सिस्टम के तहत बैठाने की व्यवस्था करनी होगी
- स्कूलों में सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखने की अनिवार्यता होगी
- सर्दी, जुकाम या फिर बुखार आने पर शिक्षक, छात्रों और दूसरे स्टाफ स्कूल नहीं आएंगे
- कोविड प्रोटोकॉल के पालन को लेकर बच्चों की निगरानी की व्यवस्था करनी होगी
- छात्र और छात्राएं अभिभावकों की सहमति के बाद ही स्कूल आ सकेंगे
- विद्यार्थियों को स्कूल आने के लिए अभिभावकों से शपथ पत्र भरवा कर लाना होगा
- स्कूलों में छात्र-छात्राओं का अटेंडेंस अनिवार्य नहीं होगा
- जो छात्र-छात्रा स्कूल आकर ऑफलाइन पढ़ाई करना चाहेंगे वही स्कूल आएंगे
- स्कूल आने से पहले बच्चों को यह शपथ पत्र देना होगा कि उनके परिवार में कोई कोरोना पीड़ित नहीं हैं या हाल में वे किसी कोरोना संक्रमित के संपर्क में नहीं आए हैं.