By-Vinita Choubey
नेतरहाट…घूमने की बात हो और नेतरहाट का जिक्र न हो तो फिर बेईमानी हो जाएगी. यकीन मानिए यहां की पहाड़ों की सुंदरता के बीच आप कहीं खो जाएंगे. तो फिर आइए ले चलते है आपको वर्चुअली नेतरहाट की सैर पर…झारखंड की राजधानी रांची से करीब 155 किलोमीटर दूर लातेहार जिले में बसा है नेतरहाट. इसकी खूबसुरत वादियों के चलते इसे ‘छोटानागपुर की रानी’ का दर्जा भी दिया गया है.
नेतरहाट को झारखंड का दिल भी कहा जाता है जहां हर तरफ अपार खूबसूरती है. आप प्रकृति के बीच चिड़ियों का चहकना भी सुन सकते हैं. ये हिल स्टेशन सनराइज और सनसेट के लिए भी फेमस है. अगर आप सुकून और शांति चाहते हैं तो नेतरहाट उसके लिए परफेक्ट है.
थोड़ा इतिहास नेतरहाट के बारे में
कहा जाता है कि पहले यहां बांस का बहुत बड़ा जंगल था जिसे नेतरहातु कहा जाता था. बांस को स्थानीय भाषा में नेतुर कहते हैं. उसी के नाम पर इस जगह का नाम नेतरहाट पड़ा. नेतर यानी कि बांस और हातु मतलब हाट. समुद्र तल से 3,622 फीट की ऊंचाई पर स्थित इस हिल स्टेशन पर वाटरफॉल से लेकर कई खूबसूरत झीलें हैं जो आपके सफर को यादगार बना देंगी.
नेतरहाट का पहाड़ चीड़ के जंगलों से घिरा हुआ है. अगर आप नेतरहाट में कुदरत की खूबसूरती और ऐडवेंचर करना चाहते हैं तो आपको यहां ट्रैकिंग करना चाहिए. नेतरहाट, ट्रैकिंग के लिए अच्छी जगह है. यहां के जंगल आपको बेहद खूबसूरत लगेंगे. वैसे भी प्रकृति की तो हर एक चीज खूबसूरत है. जब आप पहाड़ की ऊंचाई से नेतरहाट की खूबसूरती देखेंगे तो यकीन मानिए आपको झारखंड से प्यार हो जाएगा.
नेतरहाट में घुमने के लिए कुछ फेमस जगहें
मंगोलिया प्वाइंट
सबसे पहले बात करते है मंगोलिया प्वाइंट की…जिसके चलते नेतरहाट को जाना जाता है, या यूं कह ले कि सारी कहानी यहीं से शुरू होती है. मंगोलिया प्वाइंट या मैगनोलिया प्वाइंट के नाम से जाना जाने वाला ये जगह पहाड़ों को निहारने और डूबते सूरज की खूबसुरती को देखने के लिए जाना जाता है. कहा जाता है कि अंग्रेजों के शासनकाल में एक ब्रिटिश लड़की आई थी, मैगनोलिया. उसे यहां एक स्थानीय लड़के से प्यार हो गया लेकिन समाज ने उसके प्यार को स्वीकार करने से मना कर दिया. तब उसने इसी पहाड़ी से कूदकर सुसाइड कर ली थी. उसके बाद से इस जगह का नाम मैगनोलिया प्वाइंट पड़ गया.
घाघरी वाटरफॉल
घाघरी वाटरफॉल असल में दो झरने हैं. लोअर घाघरी और अपर घाघरी वाटरफॉल. दोनों ही झरने बेहद खूबसूरत हैं. यहां की नजारें आपको कहीं गुम कर देंगी. निचला घाघरी झरना नेतरहाट से 10 किमी. की दूरी पर है और ऊपरी घाघरा झरना 4 किमी. की दूरी पर है. निचला घाघरी वाटरफॉल में 32 फीट की ऊंचाई से जब पानी गिरता है तो इसकी खूबसूरती देखते ही बनती है. वाटरफॉल के आसपास इतने घने जंगल हैं कि सूरज की किरणें भी जमीन तक नहीं पहुंच पाती हैं. निचले घाघरी वाटरफॉल की तरह, ऊपरी घाघरी वाटरफॉल भी बेहद खूबसूरत है. इसके आसपास घने जंगल नहीं है. ये जगह पिकनिक के लिए परफेक्ट है. अगर आप अपने फैमिली और दोस्तों के साथ नेतरहाट आते हैं तो आपको यहां जरूर आना चाहिए. घाघरी झरनों को देखे बिना नेतरहाट की सैर अधूरी रहेगी.
नाशपाति गार्डन
नेतरहाट की एक अलग खूबसूरती से आप नाशपाति बगान में रूबरू होंगे. जिनकी खूबसूरती को देखकर आप मन खुश हो उठेगा. यहां से जाने के बाद भी नाशपति का ये खूबसूरत गार्डन आपके जेहन में बना रहेगा. अक्सर लोग नेतरहाट आते हैं लेकिन इस जगह पर जाना भूल जाते हैं. अगर आप नेतरहाट आते हैं तो इस जगह को अपनी बकेट लिस्ट में जरूर रखना चाहिए.
कोयल व्यू प्वाइंट
नेतरहाट बस स्टैंड से लगभग दो किलोमीटर की दूरी पर चीड़ के वनों के बीच स्थित कोयल व्यू प्वाइंट एक जगह है. यहां पहाड़ों के पीछे से उगते हुए सूर्य की किरणें कोयल नदी की जलधारा पर पड़ती हैं, तो एक मनोहारी दृश्य उत्पन्न होता है. बता दें कि कोयल नदी यहां से पांच किलोमीटर की दूरी पर नीचे घाटी में प्रवाहित होती है.
शैले हाउस
लाट साहेब का बंगला के नाम से मशहूर शैले हाउस काष्ठ (लकड़ी) कला का अद्भूत नमूना है, शैले का शाब्दिक अर्थ होता है लकड़ी से निर्मित इमारत. इसका निर्माण वर्ष 1901 में किया गया था. बाद में जिला प्रशासन के द्वारा इसका सुंदरीकरण कराया गया है. यहां उपायुक्त, लातेहार का कैंप कार्यालय भी है.
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