रांची : झारखंड सरकार ने अपने चार साल पूरा होने पर वृद्धा पेंशन को लेकर बड़ा फैसला किया है. उन्होंने अपने भाषण में कहा कि 60 साल में पेंशन मिलता है उनको 50 साल किया जाएगा. यानी अब 50 साल की उम्र वाले लोगों को भी वृद्धावस्था पेंशन मिलेगी. उन्होंने कहा कि आदिवासी लोगों को जो वृद्धावस्था पेंशन पहले 60 साल की उम्र से दी जाती थी, उसकी आयु सीमा घटाकर अब 50 वर्ष कर दी गई है. उन्होंने कहा, आज झारखंड में कई ऐसे घर हैं जहां पिता 98 साल के हैं औरे बेटा 60 साल का है और दोनों को पेंशन मिल रही है. बुजुर्ग विधवा को भी पेंशन मिल रही है. अब आदिवासी लोगों को भी 60 के बजाए 50 साल की उम्र में पेंशन दी जाएगी.

साढ़े चार लाख किसानों का ऋण माफ

सीएम ने कहा कि 4 लाख 50 हजार किसानों का 1700 करोड़ का कृषि ऋण माफ किया गया है. सूखा प्रभावित किसानों को 450 करोड़ की फौरी राहत दी एवं बीमा कंपनियों से लड़कर 700 करोड़ रू किसानों को दिलवाया. उन्होंने कहा कि भारत सरकार, सूखा राहत में प्रति किसान 25 हजार रू रोक कर बैठा हुआ है. 20 वर्षों में 8 लाख किसान को KCC क लाभ मिला, हमनें 2 वर्ष में 21 लाख किसानों तक इसका लाभ पहुंचाया और उन्हें 11 हजार करोड़ रू की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई. बिरसा हरित ग्राम से 1 लाख किसानों को लाभ मिल रहा है. साथ ही कहा कि पशुधन योजना के अंतर्गत लाखों किसानों को गाय, मुर्गी, बत्तख उपलब्ध कराया गया है. बकरी सुकर मसलिया, सिकटिया एवं पलामू में मेगा लिफ्ट सिंचाई जैसी परियोजनाओं से लाखों एकड़ जमीन में सिंचाई की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है. 1 लाख बिरसा सिंचाई कूप पर काम चल रहा है.

नौकरियों को लेकर बड़ा ऐलान

इसके अलावा झारखंड के लोगों के लिए नौकरियों को लेकर भी सीएम हेमंत सोरेन ने बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा है कि जो भी कंपनियां झारखंड में ऑफिस स्थापित करेंगी, उनमें 75 फीसदी जगह स्थानीय लोगों के लिए रिजर्व रहेगी. सीएम सोरेन ने कहा कि झारखंड देश का सबसे गरीब राज्य है और यह कोविड-19 और सूखे से जूझ रहा है, लेकिन इसके बावजूद राज्य सरकार में कोई अराजकता नहीं है. उन्होंने दावा किया कि झारखंड जैसे गरीब राज्यों ने दूसरे राज्यों को ऑक्सीजन की आपूर्ति की और महामारी के दौरान गरीब मजदूरों को बचाया गया. इसी दौरान दो मंत्रियों की जान चली गई.

20 लाख लोगों को मिला ग्रीन कार्ड

खाद्य सुरक्षा पर उन्होंने कहा कि राज्य में लोग भात-भात करते हुए लोग मर रहे थे. चावल के साथ मुफ्त दाल का वितरण सरकार की पहल से प्रारंभ हुआ है. 20 लाख को ग्रीन कार्ड मिला है पर यहाँ भी एफसीआई चावल नहीं देता तो बाजार से खरीद कर दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि डीलरों का कमीशन भी हम बढ़ाने जा रहे हैं जिससे वे सम्मानजनक जीवन जी सकें. यहां भी भारत सरकार अपना हिस्सा देने में आनाकानी करती है.

8 लाख बेटिया योजना से जुड़ी

महंगाई आसमान छू रही है. फिर भी 30 लाख महिलाएं SHG से जुड़कर आगे बढ़ रही हैं. हमलोग पलाश ब्रांड को बढ़ा रहे हैं. इसके लिए पलाश मार्ट खोल रहे हैं. 20 वर्ष में इन SHG महिलाओं को 640 करोड़ का क्रेडिट लिंकेज कराया गया था जबकि 4 साल में ही हमने 8 हजार करोड़ का क्रेडिट लिंकेज इन्हें उपलब्ध कराया है. सावित्री बाई फुले योजना से 8 लाख बेटियों को जोड़ा गया है. जिससे कि बेटियों की पढ़ाई नहीं रूकेगी. फुलों झानों आर्शीवाद अभियान से 35 हजार महिलाओं को जोड़ा गया है. अब इन्हें 50 हजार रू० की सहायता दी जायेगी.

काफी चुनौतीपूर्ण रहा है पिछले 4 वर्ष का सफर

मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरे नेतृत्व में बनी सरकार के लिए पिछले 4 वर्ष का सफर काफी चुनौतीपूर्ण रहा. जब हमारी सरकार का गठन हुआ तो कोरोना जैसी वैश्विक महामारी ने हमें अपनी चपेट में ले लिया।. 2 वर्ष तक कोरोना के खिलाफ जंग जारी रही. इससे थोड़ी निजात मिली तो सुखाड़ से सामना करना पड़ा. ऐसी आपदा के बीच गरीबों, मजदूरों , वंचितों और असहाय लोगों के साथ-साथ हर किसी के जीवन और जीविका के लिए सरकार 24 घंटे काम करती रही. इन विषम हालात में लोगों को राहत देने के लिए हमने जो कोविड मैनेजमेंट सिस्टम बनाया उसे देश -दुनिया ने सराहा. इन तमाम विपरीत परिस्थितियों के बीच से निकलते हुए आज हम विकास को नई गति दे रहे हैं.

जल, जंगल, जमीन के लिए पूर्वजों ने किया संघर्ष

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड सदैव वीरो की धरती रही है. जल-जंगल-जमीन की खातिर उन्होंने अपना सब कुछ झोंक दिया. अन्याय और शोषण के खिलाफ लगातार संघर्ष करते रहे. यहां के वीरों ने ब्रिटिश हुकूमत की जड़ें हिला दी थी. झारखंड अलग राज्य के लिए इन्होंने 40 वर्षों तक आंदोलन किया. इतिहास को खंगालें तो जल-जंगल-जमीन की रक्षा से लेकर झारखंड अलग राज्य बनने तक यहां के अनगिनत वीरों ने अपनी शहादत दी. हम इन वीरों को नमन करते हैं और इनके सपनों का झारखंड बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.

गांव से चल रही सरकार, हर वर्ष लगेंगे शिविर

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार गांव से चल रही है. हम ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं , क्योंकि गांव को मजबूत किए बिना राज्य सशक्त नहीं बन सकता है. इसी कड़ी में वर्ष 2021, 2022 तथा 2023 में ” आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार” कार्यक्रम के तहत पंचायत- पंचायत में शिविर लगाकर आपकी समस्याओं का समाधान किया गया. कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिया गया. इस कार्यक्रम को लेकर राज्य की जनता का जिस तरह का उत्साह देखने को मिला, वैसे में अब हर वर्ष पंचायत में शिविर लगाए जाएंगे. अधिकारी आपके घर पहुंचेंगे और आपकी समस्याओं का समाधान करेंगे. इस दौरान नई-नई योजनाओं को लेकर हम आपके बीच आएंगे.

झारखंड की चिंता किसी ने नहीं की

मुख्यमंत्री ने कहा कि ” आपकी योजना -आपकी सरकार- आपके द्वार” कार्यक्रम के पिछले दो चरणों में जिस तरह लाखों लोग अपनी समस्याओं को लेकर शिविरों में आए. उससे साफ जाहिर होता है कि ग्रास रूट पर समस्याएं कितनी गंभीर थी. लेकिन, किसी भी सरकार ने इसकी चिंता नहीं की. लोगों को न तो योजनाओं का सही तरीके से लाभ मिल पा रहा था और न ही उनकी परेशानियां दूर हो रही थी. जब हमारी सरकार बनी तो हमने समस्याओं की व्यापकता के आधार पर प्राथमिकता कर लोगों के दुःख दर्द को दूर करने का सिलसिला शुरू किया और यह निरंतर जारी रहेगा.

20 वर्ष बनाम 4 वर्ष के कार्यों का बताया अंतर

मुख्यमंत्री ने पिछले 20 वर्ष के कार्यों और अपनी सरकार के 4 साल के कार्यों और उपलब्धियों से जनता को अवगत कराया. उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने 11 लाख राशन कार्ड अमान्य कर दिए थे. हमारी सरकार ने 20 लाख हरा राशन कार्ड जारी कर उन्हें बाजार भाव पर अनाज खरीद कर मुफ्त देने का काम कर रही है. अब राशन कार्डधारियों को दाल भी दिया जाएगा. इसके अलावा पिछले 20 वर्षों में 8 लाख लोगों को ही पेंशन मिल रहा था. हमने 4 वर्षों में राज्य के सभी योग्य पात्रों को पेंशन योजना से जोड़ने का काम किया है. 20 सालों में मात्र आठ लाख किसानों को ही किसान क्रेडिट कार्ड मिला था. हमने 4 साल में ही 20 लाख किसान क्रेडिट कार्ड जारी कर दिए हैं और आज भी किसानों को केसीसी से जोड़ने का काम जारी है.

पलायन रोकने को उपलब्ध करा रहे रोजगार

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड से लाखों मजदूर रोजगार के लिए दूसरे राज्यों के लिए पलायन करते हैं. इसकी जानकारी तब हुई जब कोरोना महामारी के दौरान हमारी सरकार ने मजदूरों को वापस अपने घर लाने का सिलसिला प्रारंभ किया. रोजगार के लिए मजदूरों का इस तरह पलायन हमारे लिए काफी चिंता की बात थी. ऐसे में हमने उन योजनाओं पर विशेष जोर दिया, जिसके जरिए इन मजदूरों को अपने गांव घर में ही रोजगार दे सकें. आज हम इस दिशा में काफी तेजी से काम कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार बच्चों को बेहतर और गुणवत्तायुक्त शिक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है. इस कड़ी में पहले चरण में 80 स्कूल आफ एक्सीलेंस खोले गए हैं और आने वाले दिनों में इनकी संख्या 5 हज़ार की जाएगी. बच्चियों आर्थिक तंगी की कारण पढ़ाई नहीं छोड़े, इसके लिए उन्हें सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना के तहत 40 हज़ार रुपए दिए जा रहे हैं. अब बेटियां सिर्फ डिग्री नहीं लेंगी, बल्कि इंजीनियर डॉक्टर और अफसर भी बनेंगी. इसके अलावा दसवीं से 12वीं तक के सभी विद्यार्थियों को गुरुजी क्रेडिट कार्ड दिया जाएगा ताकि वे अपने भविष्य को संवार सके. कल्याण विभाग के सभी छात्रावासों का जीर्णोद्धार भी किया जा रहा है. अब यहां रहने वाले विद्यार्थी सिर्फ पढ़ाई की चिंता करें, उनके खाने पीने की व्यवस्था भी राज्य सरकार करेगी. इतना ही नहीं, विदेश में उच्च शिक्षा के लिए भी सरकार शत प्रतिशत स्कॉलरशिप दे रही है. वहीं, प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी से लेकर विभिन्न कोर्सेस को करने के लिए भी सरकार आर्थिक मदद दे रही है.

नियुक्तियों के खुल गए हैं द्वार

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में नियुक्तियों के रास्ते खुल चुके हैं. सरकारी विभागों में खाली पड़े हजारों पद भरे जा चुके हैं. वहीं, 45 हजार से ज्यादा पदों के लिए नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है. जबकि, निजी संस्थानों में भी 50 हज़ार से अधिक युवाओं को ऑफर लेटर दिया जा चुका है. हमारी सरकार ने यह भी कानून बनाया है कि झारखंड में जितने भी संस्थान और कंपनियां होंगी उन्हें 75 प्रतिशत नौकरी स्थानियों को देना अनिवार्य होगा. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जो युवा स्वरोजगार करना चाहते हैं, उन्हें मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत पूंजी उपलब्ध कराई जा रही है. अब तक 12 हज़ार से ज्यादा नौजवान इस योजना का लाभ लेकर खुद का व्यवसाय कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की कोशिश है कि सभी अपने पैरों पर खड़ा हो सके. इसके लिए उन्हें सभी सुविधाएं और सहायताएं दी जाएगी.

सड़कों का बिछ रहा जाल

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आधारभूत संरचनाओं को मजबूत करने की दिशा में तेजी से कम कर रही है क्योंकि इसी के जरिए विकास का दरवाजा खुलता है. उन्होंने कहा कि आज 6 हज़ार करोड़ रुपए की लागत से लगभग 15 हज़ार किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का निर्माण हो रहा है. वहीं, 7 हज़ार करोड़ रुपए से उच्च स्तरीय सड़कें बनाई जा रही हैं. कहा कि राज्य की जनता को 24 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति हो, इसके लिए ग्रिड सब स्टेशन, ट्रांसमिशन और डिसटीब्यूशन सिस्टम को मजबूत कर रहे हैं. इसके अलावे राज्य के कुछ जिले ऐसे हैं , जहां बिजली आपूर्ति के लिए डीवीसी से महंगे घर पर बिजली लेनी पड़ती है लेकिन, मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि अगले डेढ़ वर्षो में हम अपनी बिजली व्यवस्था को इतना मजबूत कर लेंगे की डीबीसी पर निर्भरता पूरी तरह खत्म हो जाएगी.

 2025 तक झारखंड किसी के भरोसे नहीं रहेगा

मुख्यमंत्री ने कहा कि युवा झारखंड के कदम आगे बढ़ रहे हैं. वर्ष 2025 में झारखंड 25 वर्ष का युवा हो जाएगा. हमने यह लक्ष्य रखा है कि अगले दो वर्ष में झारखंड को इतना ताकतवर बनाएंगे कि अपने दम पर यह आगे बढ़ेगा और किसी से मदद लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी. इसमें आप सभी का सहयोग बहुत जरूरी है.

ये रहे मौजूद

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में राज्यसभा सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिबू सोरेन के अलावा मंत्री श्री आलमगीर आलम, मंत्री श्री रामेश्वर उरांव, मंत्री श्री सत्यानंद भोक्ता, मंत्री श्री चम्पाई सोरेन, मंत्री श्री बन्ना गुप्ता, मंत्री श्री बादल, मंत्री श्री मिथिलेश कुमार ठाकुर, मंत्री श्रीमती बेबी देवी, सांसद श्री विजय हांसदा, राज्यसभा सांसद श्रीमती महुआ माजी, दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री श्री विनोद पांडेय, झारखंड कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष श्री राजेश ठाकुर, विधायक श्रीमती दीपिका पांडेय सिंह, विधायक श्री राजेश कच्छप, विधायक श्री अनूप सिंह, विधायक श्री जिग्गा सुसरन होरो, विधायक श्रीमती शिल्पी नेहा तिर्की, मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी श्रीमती कल्पना सोरेन सहित राज्य के मुख्य सचिव श्री एल०खियांग्ते, डीजीपी श्री अजय कुमार सिंह, राज्य सरकार के कई वरीय अधिकारीगण एवं सभी जिलों से पहुंचे लाभुकगण, नियुक्ति पत्र पाने वाले युवक-युवतियां, स्कूली छात्र-छात्राएं तथा अन्य लोग बड़ी संख्या में उपस्थित थे.

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