गढ़वा : पुलिस ने शहर के 2 बड़े प्रतिष्ठानों में हुई चोरी के मामले का खुलासा कर दिया है। जांच में पता चला है कि अंतरराज्यीय चोर गिरोह ने इन वारदातों को अंजाम दिया है। पुलिस ने गिरोह के 4 अपराधियों को गिरफ्तार किया है। इसकी पहचान पलामू जिले के पांकी गांव निवासी राकेश चंद्रवंशी उर्फ छोटू, शहर के पठान टोली मोहल्ला निवासी रियाजुद्दीन खलीफा उर्फ राजू, भवनाथपुर थाना क्षेत्र के हरिहरपुर गांव निवासी महानंद सिंह, बिहार के रोहतास जिला के सासाराम थाना क्षेत्र के नूरगंज गांव निवासी संजय सोनी के रूप में की गई है।
पुलिस ने इनके पास से 3 लाख 17 हजार रुपये, घटना के दौरान पहने गए कपड़ा एवं चप्पल 3 मोबाइल और एक टैब बरामद किया गया है। SDPO अवध कुमार यादव ने सोमवार को सदर थाना में आयोजित पत्रकारवार्ता में बताया कि पिछले दिनों शहर के किट्टू परी ज्वेलर्स से अक्टूबर माह में 50 लाख के आभूषण तथा पुरानी बाजार स्थित बाबा कमलेश टैक्सटाइल्स कपड़ा दुकान से लगभग 13 लाख रुपये की चोरी हुई थी।
घटना के बाद SP के निर्देश पर एक टीम गठित की गई। दोनों मामले के उद्भेदन के लिए दोनों दुकानों के इर्द-गिर्द लगे CCTV फुटेज की मदद ली गई। इस दौरान एक कर्मचारी की भूमिका संदिग्ध लगी। इसकी पहचान चालक महानंद के रूप में की गई। पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की। पता चला कि अपने साथी राकेश कुमार उर्फ छोटू के साथ मिलकर उसने घटना को अंजाम दिया। राकेश ने किट्टू परी ज्वेलरी में चोरी में भी अपनी भूमिका स्वीकार की।
बताया कि उक्त घटना में रियाजुद्दीन उर्फ राजू भी शामिल रहा। किट्टू परी से चोरी किया गया ज्वैलर सासाराम के नूरगंज गांव निवासी संजय सोनी के पास बेचा गया। SDPO ने बताया कि बाबा कमलेश कपड़ा दुकान से चोरी किया गया पैसा अब तक बरामदगी नहीं हुआ है। मामले की जांच में थाना प्रभारी कृष्ण कुमार, PSI संजय कुमार, रोशन कुमार, दिनेश मरांडी, राजू उरांव, अनुरंजन कुमार, दयानंद कुमार, एएसआई अभिमन्यु सिंह, नीरज पांडे सहित कई अधिकारी शामिल रहे।
SDPO ने बताया कि राकेश कुमार चंद्रवंशी उर्फ छोटू का आपराधिक इतिहास रहा है। वह नशीला पदार्थ की खरीद बिक्री ठप होने के बाद एक चोर गिरोह का बड़ा सरगना बन चुका था। उन्होंने बताया कि राकेश चंद्रवंशी उर्फ छोटू गैंगरेप के मामले में 2013 में जेल गया था। जेल से निकलने के बाद नशीला पदार्थ का कारोबार शुरू किया था।
उसी दौरान अंबिकापुर पुलिस ने नशीला पदार्थ बेचने के आरोप में उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। वहीं 2007 में मारपीट की घटना में भी जेल जा चुका है। राकेश चंद्रवंशी उर्फ छोटू के गिरोह के 2 सदस्य को पिछले दिनों छत्तीसगढ़ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। उसके बाद से उसका कारोबार काफी ठप हो गया था। जिसके बाद शहर के 2 प्रतिष्ठानों में चोरी के लिए अपने सदस्यों के साथ रेकी करना शुरू किया था।
पैसे के लालच में महानंद ने मालिक के दुकान में चोरी का रचा साजिश
SDPO ने बताया कि कर्मचारी को पैसे की जरूरत थी। और वह ज्यादा पैसा कमाने के लिए अलग अलग रणनीति बना रहा था। उसी दौरान राकेश चंद्रवंशी उर्फ छोटू ने महानंद को बाबा कमलेश में चालक के रूप में नौकरी पर लगाया। इसके बाद महानंद और राकेश ने चोरी की रणनीति बनाई। महानंद ने बताया कि 3 दिनों का पैसा सोमवार को बैंक में जमा होता है। रविवार की रात ही चोरी का सही वक्त है। समय तय कर बाबा कमलेश कपड़ा दुकान का रैकी करना शुरू कर दिया। ओर उसी रात घटना को अंजाम दे दिया।
राकेश को था जेवर दुकान में काम करने का अनुभव
SDPO ने बताया कि राकेश पहले भी जेवर व कपड़ा दुकान में काम कर चुका है। राकेश को पता था कि जेवर का रख रखाव किस तरह होता है। अनुभव के आधार पर उसने किट्टू परी ज्वेलर्स में चोरी की घटना का रणनीति बनाई। वह राजू खलीफा के साथ 20 अक्टूबर की रात किट्टू परी ज्वैलर में एक खास कपड़ा पहन कर पहुंचा। घटना को अंजाम दिया।