नई दिल्ली : पंजाब के पूर्व डीजीपी और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के प्रमुख दिनकर गुप्ता की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. केंद्र ने दिनकर गुप्ता को जेड श्रेणी की सुरक्षा देने का फैसला किया है. गुप्ता को पंजाब, चंडीगढ़ और दिल्ली में सीआरपीएफ की जेड सुरक्षा मिलेगी. केंद्र के मुताबिक, दिनकर गुप्ता के लिए यह सुरक्षा मार्च 2024 से लागू हो गई है. बताया जा रहा है कि दिनकर गुप्ता के साथ-साथ पूर्व रॉ चीफ सामंत गोयल को भी Z सुरक्षा दी गई है. केंद्रीय खुफिया एजेंसी को भारत के इन दो पूर्व शीर्ष अधिकारियों की जान को खतरे का इनपुट मिला है.
दरअसल, दोनों पूर्व अधिकारियों ने कट्टरपंथी और आतंकी तत्वों को काबू में रखने में अहम भूमिका निभाई है. ऐसे में इन दोनों अधिकारियों को उन तत्वों से खतरा है.
गुप्ता पंजाब के डीजीपी थे, मार्च में रिटायर हुए
पंजाब कैडर 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी दिनकर गुप्ता पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार के दौरान राज्य के डीजीपी रह चुके हैं. इसके बाद गुप्ता केंद्र चले गए और यहां जून 2022 में उन्हें राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए का महानिदेशक नियुक्त किया गया. जहां गुप्ता जून 2022 से 31 मार्च 2024 को अपनी सेवानिवृत्ति तक एनआईए प्रमुख के रूप में कार्य करते रहे.
Z+ सिक्योरिटी में कितने कमांडो होते हैं?
विशेष सुरक्षा श्रेणी में X,Y,Y+,Z और Z+ की सुरक्षा को शामिल किया गया है. खतरे को भांपने के बाद सुरक्षा की श्रेणी तय की जाती है. यानी अगर खतरा बहुत बड़ा है तो ऐसी स्थिति में Z या Z+ सुरक्षा दी जाती है. सुरक्षा की इन पांच श्रेणियों में से, Z+ को भारत में सुरक्षा की सर्वोच्च श्रेणी प्राप्त है.
इस सुरक्षा में एक व्यक्ति को 10+ एनएसजी कमांडो + सीआरपीएफ और पुलिस कर्मियों सहित 50 से अधिक कर्मियों की सुरक्षा प्रदान की जाती है. Z+ सुरक्षा में प्रत्येक कमांडो मार्शल आर्ट और निहत्थे युद्ध में विशेषज्ञ है और सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक हथियारों और आधुनिक संचार उपकरणों से लैस है. देश में जिन वीआईपी लोगों को Z+ सुरक्षा मिली हुई है उनमें पीएम नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ समेत कुछ अन्य नाम शामिल हैं.
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