नई दिल्ली : पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 27 दिसंबर 2024 को निधन हो गया. आज, 28 दिसंबर को उनका अंतिम संस्कार दिल्ली के निगम बोध घाट पर किया जाएगा. गृह मंत्रालय ने इसकी पुष्टि की है और बताया कि अंतिम संस्कार सुबह 11:45 बजे होगा. इस निर्णय के बाद कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल ने विरोध जताया है. दोनों दलों ने मांग की है कि मनमोहन सिंह का स्मारक उसी स्थान पर बनाया जाए, जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
जयराम रमेश ने सरकार पर लगाया यह आरोप
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने ट्वीट किया, “कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार ऐसे स्थान पर किया जाए, जहां उनकी विरासत का सम्मान करने के लिए एक स्मारक बनाया जा सके.” उन्होंने यह भी कहा कि भारत सरकार ने उनके वैश्विक योगदान और कई दशकों तक देश की सेवा के बावजूद उनके लिए उचित सम्मान नहीं दिखाया है.
सुखबीर सिंह बादल ने प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की अपील की
शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल ने भी केंद्र सरकार की आलोचना की. उन्होंने कहा, “यह अत्यंत निंदनीय है कि सरकार ने डॉ. मनमोहन सिंह के परिवार के अनुरोध को ठुकरा दिया, जिसमें उन्होंने उनका अंतिम संस्कार राजघाट पर करने की मांग की थी, ताकि एक ऐतिहासिक स्मारक बन सके.” उन्होंने इस फैसले को मनमोहन सिंह के प्रति अपमान करार दिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप की अपील की.
कांग्रेस अध्यक्ष मनमोहन सिंह के परिवार से कर रहे बातचीत
कांग्रेस के अंदर भी इस मुद्दे पर चर्चा जारी है. पार्टी की कार्यकारी समिति ने शुक्रवार को इस मामले पर विचार किया और कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह के लिए एक उपयुक्त स्थान पर स्मारक बनाना चाहिए. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और मनमोहन सिंह के परिवार के सदस्य सरकार से इस मामले में बातचीत कर रहे हैं. इस विवाद के बीच, सरकार ने यह स्पष्ट किया कि मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए एक ट्रस्ट का गठन किया जाएगा, हालांकि इस प्रक्रिया में कुछ समय लगेगा.
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