रांची : भाजपा के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता और बहरागोड़ा के पूर्व विधायक कुणाल षाडंगी ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया है. सूत्रों के मुताबिक वे जल्द ही झामुमो में शामिल हो सकते हैं. रविवार को उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा का पत्र प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को भेजा है. इसकी प्रति उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, बीएल संतोष और कर्मवीर सिंह को भी भेजी है. अपने पत्र में कुणाल ने लिखा है कि यह फैसला उन्होंने गहन चिंतन और आत्ममंथन के बाद लिया है. वे पिछले कई महीने से महसूस कर रहे थे कि पूर्वी सिंहभूम जिले की बुनियादी समस्याओं से जुड़े विषयों और संगठनात्मक विषयों को पार्टी नेतृत्व के संज्ञान में लाये जाने के बावजूद उसे गंभीरता से नहीं ली जा रही है. कुणाल ने कहा कि जिले की बुनियादी सुविधाओं और विशेष तौर पर युवाओं के मुद्दों पर वहां के चुने हुए जनप्रतिनिधि हेमशा से मौन रहे हैं. संगठन के आंतरिक अनुशासन के प्रति भी कोई गंभीरता उनमें नहीं दिखती है. ऐसे में संगठन की ओर से ठोस कदम नहीं उठाया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है.
19 मई को प्रदेश अध्यक्ष पद से दिया था इस्तीफा
इससे पहले 19 मई को कुणाल षाडंगी ने भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता पद से इस्तीफा दिया था. उन्होंने अपनी उपेक्षा का आरोप लगाते हुए प्रवक्ता पद छोड़ा था. कहा थि कि महीनों से स्थानीय संगठन के द्वारा एक सुनियोजित साजिश के तहत और अपमानित करने के उद्देश्य से उन्हें पार्टी के कार्यक्रमों से दूर रखा जा रहा है. प्रदेश नेतृत्व को इसकी जानकारी देने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही.
2014 में बने थे झामुमो से विधायक
कुणाल षाडंगी पूर्व मंत्री दिनेष षाडंगी के पुत्र हैं. उनके पिता बहरागोड़ा से भाजपा का प्रतिनिधित्व करते थे. कुणाल 2014 में जेएमएम की टिकट पर पहली बार विधानसभा चुनाव लड़े और बहरागोड़ा सीट से जीत हासिल की. इसके बाद 2019 के विधानसभा चुनाव से पहले वे भाजपा में शामिल हुए. चुना लड़ा लेकिन झामुमो प्रत्याशी समीर मोहंती से हार गये. कुणाल षाडंगी एक टेक्नोक्रैट यंग पॉलिटिशियन कहे जाते हैं. वे यूएस के आईवीएलपी कार्यक्रम में शिरकत करने वाले झारखंड के पहले विधायक रहे हैं. इसके अलावा गोवा, उदयपुर, वाईजैक समेत विभिन्न शहरों में आयोजित कार्यक्रमों में झारखंड विधानसभा का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं.