Joharlive Team
रांची। पूर्व मंत्री एनोस एक्का पर चल रहे 20 करोड़ 31 लाख 77 हजार 852 रुपए के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के स्पेशल जज ने शनिवार को दोषी करार दिया है। मामले में 31 मार्च को सजा का एलान हो सकता है। 7 मार्च को कोर्ट के समक्ष ईडी के विशेष लोक अभियोजक और आरोपी एनोस के वकील ने अपनी-अपनी आखिरी दलील पेश की थी। इसके बाद कोर्ट ने मामले में अपना फैसला सुनाने के लिए 21 मार्च की तिथि निर्धारित की है। इस मामले में 7 सितंबर 2019 से बहस चल रही है। सुनवाई डे-टू-डे चल रही थी।
इससे पूर्व सीबीआई की विशेष अदालत ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के जुर्म में 26 फरवरी 2020 को एनोस को सात वर्ष सश्रम कारावास की सजा दे चुकी है। एनोस फिलहाल बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार में बंद हैं। दर्ज मामले के अनुसार, एनोस एक्का पर अक्तूबर 2009 में मनी लॉन्ड्रिंग का मुकदमा दर्ज किया गया था। मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट में ईडी ने कुल 56 गवाहों के बयान दर्ज करवाए हैं, जबकि एनोस ने अपने बचाव में 71 गवाहों के बयान दर्ज कराए हैं। कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान ईडी की टीम ने आरोपी एनोस द्वारा खरीदी गई अचल संपत्ति से जुड़े 116 बिक्री पट्टों को अदालत में चिह्नित करवाया गया है। ईडी के विशेष लोक अभियोजक कोर्ट में बहस करते समय इन दस्तावेजों को मुख्य सबूत बताया।
पूर्व मंत्री एनोस एक्का 2014 में पारा शिक्षक मनोज कुमार की हुई हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं। झारखंड हाईकोर्ट ने सितंबर 2019 में उन्हें जमानत दी थी। बता दें कि तीन जुलाई 2018 को जज नीरज श्रीवास्तव की कोर्ट ने उन्हें सजा सुनाई थी। शव मिलने के अगले ही दिन एनोस एक्का को अरेस्ट कर लिया गया था। इन्होंने 2005, 2009 और 2014 में कोलेबिरा विधानसभा सीट से चुनाव जीता था। 2005 और 2008 के बीच एक्का मधु कोड़ा सरकार में मंत्री रह चुके हैं।